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क्या मौसम के बदलाव से COVID वैक्सीन पर पड़ेगा असर, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट - कोरोना वैक्सीनेशन दिल्ली न्यूज

दिल्ली में यूं तो लोग कड़ाके की ठंड से परेशान हैं, लेकिन कोरोना वैक्सीन के आने से लोगों में थोड़ी राहत नजर आई है. 16 जनवरी को दिल्ली में 81 जगहों पर कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी. ऐसे में सरकार की क्या तैयारी है और मौसम का टीकाकरण पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, इसको लेकर सुनिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ.

effect of changing weather on corona vaccination
मौसम के बदलाव से COVID वैक्सीन पर पड़ेगा असर

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Published : Jan 15, 2021, 9:48 PM IST

Updated : Jan 22, 2021, 2:51 PM IST

नई दिल्ली: देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान 16 जनवरी से शुरू होने वाला है. ऐसे में राजधानी दिल्ली के कई अस्पतालों में इसकी तैयारियां पूरी हो गई हैं. अगर मौसम का कोरोना वैक्सीनेशन पर असर की बात करें तो इसका कोई भी असर वैक्सीन पर नहीं पड़ने वाला है. विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का मौसम में बदलाव के साथ कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन टीकाकरण की प्रक्रिया को बिना किसी रूकावट और परेशानी के चालू रखने का सारा जिम्मा सरकार के ऊपर है.

कोरोना वैक्सीन पर मौसम का क्या होगा असर.

टीकाकरण के लिए दिल्ली सरकार तैयार

दिल्ली सरकार ने टीकाकरण को लेकर एक विस्तृत योजना बनाई है, जिस पर उसे अमल करना है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में कोरोना वैक्सीन को लेकर तैयारियों के बारे में बताया कि 16 जनवरी से दिल्ली में वैक्सीन लगाने का काम शुरू होने जा रहा है. इसको लेकर दिल्ली सरकार ने अपनी सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं. दिल्ली के लोग और दिल्ली सरकार वैक्सीनेशन के लिए पूरी तरह से तैयार है. इस दौरान हर तरह की चुनौतियों से निपटने से लेकर लॉजिस्टिक विभाग की तैयारी पूरी हो चुकी है.

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CM केजरीवाल का क्या है कहना

सीएम केजरीवाल ने आगे कहा- 'दिल्ली में शुरुआती दौर में 81 सेंटर पर वैक्सीनेशन की जाएगी, जिसे बढ़ाकर 175 सेंटर और कुछ दिनों बाद 1000 सेंटर किया जाएगा. केंद्र सरकार से हमें 2 लाख 74 हज़ार वैक्सीन मिली है, जो 1 लाख 20 हजार हेल्थ वर्कर को लगाई जाएगी'

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फाइजर के लिए भारत का मौसम अनुकूल नहीं

जनवरी और फरवरी महीने का सर्द मौसम का इस अभियान पर क्या फर्क पड़ेगा, इसको लेकर विशेषज्ञ क्या सोचते हैं, अब इसके बारे में जानते हैं. राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल(RML) के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के पूर्व विभाग अध्यक्ष और वैक्सीन एक्सपर्ट डॉ. दीपक नटराजन बताते हैं कि अगर तापमान को एक पैमाना मानें तो फाइजर की वैक्सीन को लेकर यह एक चुनौती हो सकती है, क्योंकि इस वैक्सीन को माइनस 8 डिग्री तापमान पर स्टोर करना होगा, जो भारत के गर्म मौसम के लिहाज से बिल्कुल फिट नहीं बैठता है. जमी हुई वैक्सीन को जब लिक्विड फॉर्म में लाते हैं, तो इस प्रक्रिया में कम से कम आधा घंटा समय बर्बाद होता है. एक बार अगर यह वैक्सीन लिक्विड फॉर्म में आ जाती है, तो इसे ज्यादा से ज्यादा 5 दिनों तक ही फ्रिज में सुरक्षित रख सकते हैं.

सीएम केजरीवाल ने दी ये जानकारी

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फ्रिज में कोवैक्सीन 3 सालों तक सुरक्षित

भारत में स्वदेशी निर्मित एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन "कोविशील्ड" का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह फ्रिज में 6 महीने तक सुरक्षित रखी जा सकती है. इसके लिए फ्रिज में 28 डिग्री टेंपरेचर होना जरूरी है. एक बार अगर इसकी वायल खुल जाए, तो इसे छह घंटे में इस्तेमाल करना पड़ेगा. जहां तक दूसरी वैक्सीन जो आईसीएमआर और भारत बायोटेक के द्वारा बनाई जा रही है "कोवैक्सीन" यह एक निष्क्रिय वैक्सीन है, जिसमें 2 से 3 वर्षों तक सुरक्षित रखा जा सकता है. चीन की वैक्सीन सीनोफार्म और सीनोवैक को भी फ्रिज में दो से 3 वर्षों तक सुरक्षित रखा जा सकता है.

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स्वदेशी वैक्सीन पर मौसम का असर नहीं

नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) की पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल बंसल बताते हैं कि स्वदेशी वैक्सीन के ऊपर तापमान का कोई खास फर्क नहीं पड़ता है. सर्दी का मौसम हो या गर्मी का मौसम हो. इनका वैक्सीन की एफिकेसी यानी वैक्सीन कितनी प्रभावी है, पर कोई फर्क नहीं पड़ता. भारत में जो वैक्सीन बनी है "कोविशील्ड" और "कोवैक्सीन" यह कम तापमान पर सुरक्षित रह सकते हैं. कोवैक्सीन तो निष्क्रिय वैक्सीन है, जिसे सामान्य फ्रिज के टेंपरेचर पर 2 से 3 सालों के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है. जहां तक वैक्सीन लगाने के बाद इसके दुष्प्रभाव को लेकर है, तो इसकी तैयारी दिल्ली सरकार खुद कर ही रही है. इसके लिए दिल्ली में पर्याप्त मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है.

Last Updated : Jan 22, 2021, 2:51 PM IST

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