नई दिल्ली:बीजेपी विधायक अजय महावर (BJP MLA Ajay Mahawar) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के अंदर केजरीवाल पिछले 3 साल से पॉलिटिकल ड्रामा कर रहे हैं और यही ड्रामा विधानसभा के अंदर देखा जाता रहा है. विपक्ष के विधायकों को न तो अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है और न ही उनके सवालों के जवाब दिए जाते हैं. केजरीवाल सरकार के हर एक विभाग में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है. जिसको लेकर आज तक मुख्यमंत्री के द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया है. एक्साइज पॉलिसी अगर इतनी अच्छी थी तो सीबीआई इंक्वायरी शुरू होते ही पॉलिसी को वापस क्यों लिया गया. दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री के सिग्नेचर के बिना ही 47 फाइलों को वापस लौटाया गया है. जिसकी फ्रस्ट्रेशन में उन पर झूठे आरोप आप नेताओं के द्वारा लगाए गए हैं.
देश की राजधानी दिल्ली में इन दिनों आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के बीच में चल रहे सियासी घमासान के चलते पारा पूरी तरह गरमाया हुआ है. इसका असर इस हफ्ते खत्म हुए विधानसभा के सत्र में लगातार देखने को मिला. दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) द्वारा विधानसभा का विशेष सत्र (Special Session of Assembly) बुलाया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री द्वार विश्वास मत रखा गया, लेकिन 5 दिन बीजेपी के सभी विधायकों को विधानसभा की कार्यवाही से डिप्टी स्पीकर राखी बिड़ला के द्वारा अनुशासनहीनता को लेकर और हंगामा करने की वजह से बाहर निकाल दिया गया. यानी कि 5 में से एक भी दिन बीजेपी के विधायक न तो अपनी बात रख पाए और न ही दिल्ली के मुख्यमंत्री से राजधानी दिल्ली की जनता की समस्याओं को लेकर कोई सवाल पूछता है और न ही उसका जवाब मिला.
घोंडा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के विधायक अजय महावर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान स्पष्ट तौर पर कहा कि पिछले ढाई साल से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा विधानसभा में सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक ड्रामा किया जा रहा है. जो इस बार 5 दिवसीय विधानसभा के विशेष सत्र में भी देखने को मिला विपक्ष के एक भी विधायक का न तो कोई सवाल लिया गया न ही उसका जवाब दिया जाता है. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में चल रही दिल्ली सरकार के ऊपर इस समय लगभग हर एक विभाग में बड़े भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. कोई भी विभाग उठा लीजिए चाहे वह दिल्ली जल बोर्ड हो, दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन हो, शिक्षा विभाग हो या फिर स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अन्य विभाग हर जगह दिल्ली सरकार में भ्रष्टाचार बड़े स्तर पर व्याप्त है. डीटीसी बसों कि मेंटेनेंस और खरीद को लेकर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है. जिसकी जांच सीबीआई के द्वारा एलजी के रिकमेंडेशन के बाद की जा रही है.
बीते 7 सालों में दिल्ली में डीटीसी बसों के बेड़े में बसें नहीं बढ़ाई गई हैं. परिवहन व्यवस्था ठीक न होने के चलते लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली में लोगों को साफ और स्वच्छ पीने का पानी नहीं मिल रहा है. लोग गंदे पानी की वजह से काफी ज्यादा परेशान हैं. दिल्ली पूरे विश्व की सबसे ज्यादा प्रदूषित सिटी बन चुकी है. जिसको लेकर दिल्ली सरकार द्वारा कोई भी काम नहीं किया जा रहा है. वहीं शिक्षा विभाग में दिल्ली सरकार के द्वारा बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया है. जिस कमरे को बनाने की लागत ₹7 लाख या ₹8 लाख आएगी उस कमरे को बनाने में ₹27 से लेकर ₹33 लाख तक खर्च किए गए हैं. स्कूलों के अंदर और भी कई बड़े स्तर पर घोटाले किए गए हैं. स्कूलों में बनाए गए कमरों की लागत कई गुना ज्यादा दिखाई गई है. साथ ही शौचालय को भी कमरों में गिना कर उस में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया है. स्वास्थ्य विभाग में भी इसी तरह का गोलमाल दिल्ली सरकार के द्वारा किया गया है. तमाम दावे करने वाली केजरीवाल सरकार ने आज तक दिल्ली के अंदर एक भी नया अस्पताल नहीं बना पाई है. अस्पताल सिर्फ कागज पर बनाते हैं.