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'कभी भी किसी डिसेबल का मजाक न उड़ाएं', सिल्वर मेडलिस्ट योगेश कथूनिया से खास बातचीत - Tokyo Paralympics Discus Throw Silver Medal

टोक्यो पैरालंपिक में डिस्कस थ्रो में सिल्वर पदक जीतने वाले योगेश कथुनिया शाहदरा पहुंचे. यहांं उनका अनुबंधित अध्यापक एकता मंच एवं दिल्ली अध्यापक परिषद की तरफ से स्वागत किया गया. इस दौरान उन्होने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुये अपने सफर के बारे में बताया.

Silver Medalist Yogesh Kathuniya
सिल्वर मेडलिस्ट योगेश कथूनिया से खास बातचीत

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Published : Sep 7, 2021, 10:38 PM IST

नई दिल्लीःटोक्यो पैरालंपिक में डिस्कस थ्रो में सिल्वर पदक जीतकर भारत का नाम रौशन करने वाले योगेश कथुनिया का शाहदरा इलाके में अनुबंधित अध्यापक एकता मंच एवं दिल्ली अध्यापक परिषद की तरफ से स्वागत किया गया. इस मौके पर विश्वास नगर के विधायक ओम प्रकाश शर्मा, पूर्व मेयर निर्मल जैन, पूर्वी दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति के अध्यक्ष बीर सिंह पवार और शिक्षा समिति के अध्यक्ष राजीव कुमार के अलावा स्थानीय लोग मौजूद रहे.

इस अवसर पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में योगेश कथुनिया ने कहा कि डिसेबिलिटी कोई अभिशाप नहीं है, मेहनत से सफलता जरूर मिलती है. योगेश ने बताया कि 217 में, जब वह किरोड़ी मल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे, इस दौरान उनके जनरल सेक्रेट्री सचिन ने टोक्यो पैरालंपिक्स के बारे में बताया. उनके दोस्तों ने भी प्रेरित किया, जिसके बाद उन्होंने कोर्स किया और डिस्कस थ्रो खेलने लगे.

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2018 के एशियन पैरालंपिक गेम में पहला मैच खेला, जिसमें उनका चौथा स्थान था. 2019 दुबई वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक मिला. पहली पैरालंपिक में, उन्हें सिल्वर मेडल मिला, उनका प्रयास रहेगा कि आगे देश के लिए गोल्ड जीते. योगेश ने कहा कि डिसेबिलिटी अभिशाप नहीं है, लोगों को भी डिसएबल लोगों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए. योगेश ने कहा कि अगर आप बढ़िया करते हैं, तो सरकार भी आगे आकर मदद करती है. जरूरत है मेहनत करने की.

योगेश की बहन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि जन्म से योगेश आम बच्चों की तरह था, लेकिन 8 साल की उम्र में उसे पैरालाइसिस हो गया. डॉक्टर ने कहा कि अब वह कभी चल नहीं पाएगा, लेकिन मां ने योगेश के लिए बहुत मेहनत की, जिसकी वजह से आज योगेश इस मुकाम पर पहुंचा है, मां ने योगेश के लिए फिजियोथेरेपी भी सीख ली थी. मां की 3 साल के कठिन परिश्रम से योगेश आज इस मुकाम पर पहुंचा है.

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