नई दिल्ली:1971 में हुए भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत को विजय दिवस के रूप में मनाया गया. इसी कड़ी में पालम मधुबिहार राजापुरी तिरंगा चौक पर पूर्व सैनिक सेवा दल ने 1971 के युद्ध मे शहीद हुए सैनिकों को श्रदांजलि दी.
पूर्व सैनिकों ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि चारों बार पाकिस्तान की हार
पाकिस्तान ने जब-जब भारत से टकराने की कोशिश की है, तब-तब भारत की सेना ने उसे कड़ा सबक सिखाया है. पूर्व सैनिक निर्मल सिंह, पूर्व पार्षद पवन राठी ने ईटीवी भारत को बताया पाकिस्तान ने बंटवारे के बाद से भारत के साथ चार युद्ध लड़े और हर बार उसे हार का मुंह देखना पड़ा, लेकिन 1971 का पराक्रम पाकिस्तान को सबसे ज्यादा भारी पड़ा था. इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांट दिया था.
पाकिस्तान सेना प्रमुख ने किया था समर्पण
विजय दिवस के मौके पर पूर्व सैनिकों ने जनता को जवानों शौर्य गाथा सुनाते हुए बताया कि भारत के इतिहास की सबसे बड़ी विजय है. 1971 में पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने सरेंडर किया था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ये किसी भी देश का सबसे बड़ा सरेंडर था. इस ऐतिहासिक घटना ने ही पाकिस्तान के दो टुकड़े और एक नए देश बांग्लादेश के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था. भारत की सेना के उसी पराक्रम के 50 साल पूरे होने के उत्सव की शुरुआत हो रही है.
जागरूक करेगी 'विजय ज्योति यात्रा'
16 दिसंबर 2021 को 50 साल पूरे हो जाएंगे. इस साल को भारत स्वर्णिम विजय वर्ष के तौर पर मना रहा है. 'विजय ज्योति यात्रा' इस महान विजय के नायकों और युद्ध से जुड़ी जानकारियों को देश के कोने-कोने तक ले जाने का कार्यक्रम है, ताकि शहीदों के बलिदान और भारतीय सेना के शौर्य की कहानियां अगली पीढ़ी तक भी पहुंचे.