नई दिल्ली:जिस तरह किसी सत्य को साबित करने के लिए तेज़ आवाज की जरूरत नहीं होती, उसी तरह अच्छी चित्रकला को साबित करने के लिए बड़े-बड़े कैनवास पर चित्रकारी करना आवश्यक नहीं है. इसको छोटे और सरल चित्रण के जरिए से भी आकर्षक बनाया जा सकता है. ऐसी ही कला प्रदर्शनी का आयोजन मंडी हाउस स्थित त्रिवेणी कला संगम में किया गया है, जिसको "एकांत" नाम दिया गया है. प्रदर्शनी में जितने भी चित्रों को प्रदर्शित किया गया है, उनका साइज मात्र A4 पेपर के बराबर है या फिर कहें तो इससे भी छोटा है.
प्रदर्शनी के सोलो क्यूरेटर और आर्टिस्ट विवेक सिंह ने बताया कि उनको महात्मा गांधी की चर्तित ऑटो बायोग्राफी में बने चित्रों को देखकर छोटे-छोटे चित्र बनाने का आइडिया आया था. उन्होंने बताया कि यह उनकी पहली एकल प्रदर्शनी है. इससे पहले उन्होंने एक ग्रुप प्रदर्शनी में अपनी कला को लोगों तक पहुंचाया है. मध्य प्रदेश के दतिया जिले के रहने वाले विवेक के बनाए गए सभी चित्रों में हर उस एकांत के दर्शाने की कोशिश की गई है, जिसको हर व्यक्ति अकेले में सोचता या महसूस करता है. चाहे वह बचपन की यादों में कागज की कश्ती का चित्रण हो या फिर दोपहर के समय पानी की टंकी के पास बैठी एक नन्ही-सी चिड़िया को देखना या याद करना.