नई दिल्ली: क्रांतिकारी गायक 'गदर' की याद में रविवार को दिल्ली के जवाहर भवन में कलम कला संग्राम की ओर से 'एक गीत है मेरी जिंदगी' नाम के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें क्रांतिकारी गीतों के साथ नाटक, पेंटिंग एवं पोस्टर प्रदर्शनी से 'गदर' को याद किया गया.
मजदूर संघर्ष अधिकार अभियान के सदस्य संतोष ने बताया कि दिल्ली से लगभग सभी प्रगतिशील संगठनों ने मिलकर इस कार्यक्रम को किया है. 'गदर' ने तेलंगाना आंदोलन के साथ पूरे देश में क्रांतिकारी आंदोलन को ऐतिहासिक रूप दिया था. उन्होंने दलित, दलित खेतिहर मजदूर और गरीब मजदूर की समस्याओं और उनके सवालों को गीत का रूप दिया.
बता दें, 'गदर' का जन्म 1949 में अविभाजित आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) के मेडक जिले के तूप्रान में एक दलित परिवार में हुआ था. उनका पूरा नाम गुम्मडी विट्ठल राव था. 20वीं सदी की शुरुआत में भारत में ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने के लिए प्रवासी भारतीयों द्वारा स्थापित गदर आंदोलन की तर्ज पर उन्होंने अपना उपनाम 'गदर' कर लिया था. 'गदर' का अर्थ 'विद्रोह' होता है. गदर को लोकप्रिय रूप से गायक के रूप में जाना जाता था. उनके परिवार में उनकी पत्नी विमला, उनका एक बेटा सुर्यूडू और बेटी वेनेल्ला है.