नई दिल्ली:दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) को लेकर सामने आए नतीजों में इस बार परिसीमन का प्रतिकूल असर देखने को मिल रहा है. जानकारों की मानें तो भले ही परिसीमन का जमीनी स्तर पर कोई फर्क ना पड़ा हो, लेकिन इससे पॉलीटिकल पार्टीज को कहीं फायदा और कहीं नुकसान दोनों हुआ है. इसका अर्बन और रूरल एरिया दोनों में ही नुकसान और फायदा देखने को मिला है. हालांकि, यह बात भी साफ है कि इस बार एंटी इनकम्बैंसी का कोई फैक्टर नहीं था क्योंकि अगर ऐसा होता तो बीजेपी का वोट शेयर तीन परसेंट तक बढ़ता नहीं.
एमसीडी के जानकार और राजनीतिक विश्लेषक जगदीश ममगाईं कहते हैं कि परिसीमन का एमसीडी चुनाव के ऊपर प्रतिकूल असर पड़ा है. जिसका राजनीतिक दलों को फायदा और नुकसान दोनों हुआ है. बीजेपी की बात की जाए तो उसका जो परंपरागत वोटर है या फिर ट्रेडिशनल कैडर वोटर है, वह शहरी इलाकों यानी अर्बन एरिया में ज्यादा है. लेकिन जब परिसीमन हुआ तो अर्बन एरिया में पॉपुलेशन थोड़ी कम होने की वजह से वहां सीटें कम कर दी गई और रूरल एरिया जिसमें गांव-देहात और अनाधिकृत कॉलोनियों का इलाका आता है, इसके अंदर जनसंख्या अधिक होने के चलते वहां वार्ड की संख्या अधिक हो गई. जिसका नुकसान सीधे तौर पर बीजेपी को हुआ.
दिल्ली के शालीमार बाग, रोहिणी, जनकपुरी में पहले चार वार्ड थे और चारों पर बीजेपी को जीत मिलती थी. परिसीमन के बाद तीन वार्ड हो गए और बीजेपी को हर क्षेत्र में दो वार्ड ही जीत सकी. जिसका एक बड़ा कारण यह है कि इन सभी जगहों में आने वाले रूरल एरिया का एक वार्ड बना दिया गया. इसकी वजह से वहां पर बीजेपी को हार मिली.
जबकि, पहले इन चारों क्षेत्रों में आने वाले रूरल एरिया थोड़ा-थोड़ा बंट जाता था. जिसकी वजह से बीजेपी को जीत मिल जाती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ और बीजेपी को इसका नुकसान हुआ. परिसीमन के चलते जो 22 वार्ड कम किए गए उसमें से 18 बीजेपी के ट्रेडिशनल थे. जहां पर उसे जीत मिलती थी, लेकिन इस बार के चुनाव में जो नतीजे सामने आए उसमें बीजेपी को इन सभी जगहों पर नुकसान हुआ. सरल शब्दों में कहा जाए तो परिसीमन का सीधे तौर पर फर्क पॉलीटिकल पार्टी के ऊपर पड़ा है.
कांग्रेस को इस बार परिसीमन का ना तो फायदा हुआ और ना ही नुकसान. कांग्रेस के जो 9 पार्षद जीते हैं, उसमें से ज्यादातर पार्षद मुस्लिम बहुल इलाकों में जीते हैं. जहां आम आदमी पार्टी का वोट कटकर कांग्रेस को मिला है. परिसीमन के बाद सबसे ज्यादा फायदा किसी को हुआ है तो आप को हुआ है क्योंकि जहां शहरी इलाकों में मुकाबला थोड़ा आसान हुआ. वही रूरल एरिया के अंदर आम आदमी पार्टी अपनी पकड़ को इस बार और मजबूत कर पाई है. यह नतीजों में भी देखने को मिला है.