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1 अप्रैल से सभी सरकारी स्कूलों में होगा जीरो पेपर वर्क- मनीष सिसोदिया

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Published : Mar 13, 2020, 1:18 AM IST

शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शिक्षा उपनिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान सरकारी स्कूलों में जीरो पेपर वर्क पर जोर दिया गया.

Sisodia on zero paper work
शिक्षा निदेशालय दिल्ली

नई दिल्ली: दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में शिक्षा उपनिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई. इस दौरान सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने को लेकर कई अहम फैसले लिए गए. साथ ही शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सभी सरकारी स्कूलों में जीरो पेपर वर्क पर जोर दिया.

सरकारी स्कूलों में जीरो पेपर वर्क पर जोर

मनीष सिसोदिया ने कहा कि सभी शिक्षक तकनीकी रूप से सशक्त हों और टेबलेट की उपलब्धता सभी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से कराई जाए.

जीरो पेपर वर्क पर जोर

बैठक में उन्होंने कहा कि दिल्ली में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना उनका प्राथमिक लक्ष्य है. वहीं उन्होंने ये निर्देश दिया है कि प्रत्येक डीडीई ये सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्र में आने वाले स्कूलों के सभी शिक्षकों के पास टैबलेट हों और छात्रों की हाजिरी सुबह 9 बजे तक डीडीई तक टेबलेट के जरिए पहुंच जाए.

1 अप्रैल है डेडलाइन

मनीष सिसोदिया ने कहा कि 1 अप्रैल से सभी सरकारी स्कूलों में जीरो पेपर वर्क होना चाहिए. इसके अलावा इस बात पर नजर रखी जाए कि प्रतिदिन कक्षा में कितनी संख्या में छात्र आ रहे हैं. साथ ही गैरहाजिर रहने वाले छात्रों का पता लगाकर उनकी हाजिरी पूरी रखने के लिए उचित कदम उठाए जाएं.

उन्होंने कहा कि परीक्षा परिणाम जैसी सभी गतिविधियां ऑनलाइन ही की जाएं और कोशिश की जाए कि पेपर वर्क कम से कम या ना के बराबर हो.

सीसीटीवी लगाने में तेजी के निर्देश

शिक्षा मंत्री ने सीसीटीवी कैमरा लगाने की प्रक्रिया में भी तेजी लाने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि सभी डिप्टी डायरेक्टर अपने क्षेत्र के स्कूलों में पहले से लगे हुए सीसीटीवी कैमरों की संख्या पर नजर रखें. साथ ही ये भी सुनिश्चित करें कि वो सुचारू रूप से कार्यरत हों.

'अभिभावकों को दिए जाएं पासवर्ड'

इसके अलावा अभिभावकों को सीसीटीवी कैमरे के पासवर्ड सहित उसे चलाने की सभी प्रक्रिया समझाई जाए, जिससे वो अपने बच्चों की क्लासेस देख सकें. वहीं उन्होंने ये भी कहा है कि अप्रैल के अंत तक सभी स्कूलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाएं भी उपलब्ध हो जानी चाहिए. जिससे डीडीई, एचओएस या अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ऑनलाइन आयोजित की जा सके और बैठक के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाने में जो समय लगता है उसकी बचत की जा सके.

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