नई दिल्ली: राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एससीईआरटी) ने दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षकों के लिए हैप्पीनेस करिकुलम के उद्देश्यों को समझाने के लिए 5 दिवसीय ट्रेनिंग शिविर का आयोजन किया. इसमें दिल्ली सरकार के स्कूलों के लगभग 5000 शिक्षकों ने भाग लिया. रविवार को शिक्षा मंत्री आतिशी इसमें शामिल हुई और शिक्षकों से ट्रेनिंग के दौरान के उनके अनुभवों को जाना.
मंत्री आतिशी ने कहा कि अब तक की शिक्षा प्रणाली में बच्चों को विभिन्न विषय पढ़ाये जाते हैं. शिक्षा व्यवस्था का पूरा फोकस बच्चों को एक अच्छा प्रोफेशनल बनाना होता है, लेकिन 14-15 साल की स्कूली शिक्षा और उसके बाद उच्च शिक्षा के दौरान बच्चे जो कुछ पढ़ते हैं उसका वास्तविक जीवन में कितना इस्तेमाल करते हैं? वर्तमान शिक्षा प्रणाली में उन चीजों पर ज्यादा फोकस नहीं किया गया, जिनकी जरूरत हमें अपने रोजमर्रा की जिन्दगी में होती है.
पूर्व शिक्षा मंत्री ने हैप्पीनेस करिकुलम की शुरुआत कीः उन्होंने कहा कि वयस्क होने पर हम रोजाना अपनी जिन्दगी में कुछ चुनौतियों का सामना करते हैं कि परिवार में हमारे सम्बन्ध कैसे होने चाहिए. अपने से छोटों और बड़ों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए. तनाव पर काबू कैसे किया जाए, लेकिन स्कूली शिक्षा के दौरान इसके विषय में कभी कोई बात नहीं की जाती है. दिल्ली के बच्चों को भविष्य में ऐसी चुनौतियों का सामना न करना पड़े और वो रोजमर्रा के जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकें इसके लिए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और दिल्ली शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया ने हैप्पीनेस करिकुलम की शुरुआत की.