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शिक्षा मंत्री आतिशी ने एक्सपोजर विजिट से लौटे एमसीडी स्कूलों के मेंटर टीचरों से किया संवाद, कही ये बात

देश के विभिन्न संस्थानों के एक्सपोजर विजिट से लौटे एमसीडी स्कूलों के मेंटर टीचरों से शिक्षा मंत्री आतिशी ने शनिवार को बातचीत की. इस दौरान उन्होंने मेंटर टीजरों से उनके एक्सपोजर विजिट के अनुभवों को जाना.

Minister Atishi interacted with mentor teachers
Minister Atishi interacted with mentor teachers

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 14, 2023, 5:32 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने शनिवार को देश के प्रख्यात शैक्षिक संस्थाओं से एक्सपोजर विजिट कर लौटे एमसीडी स्कूलों के मेंटर टीचर्स से बातचीत कर उनके अनुभवों को जाना. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अब हम एमसीडी स्कूलों के मेंटर शिक्षकों को भी सशक्त बना रहे हैं, ताकि वे स्कूलों में पढ़ाई के स्तर को वर्ल्ड क्लास बनाएं और लाखों बच्चों की जिंदगी में अहम बदलाव लाएं.

सुधार लाने में निभाएंगे अहम भूमिका:इस दिशा में एमसीडी स्कूलों के शिक्षकों को और शैक्षणिक सहायता प्रदान कर रहे मेंटर टीचर्स के लिए ये एक्सपोजर विजिट बेहद महत्वपूर्ण है, जहां ये सीखने-सिखाने के नए और अनूठे तरीके जानकर पढ़ाई के स्तर में सुधार लाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा कि देशभर के जाने-माने शैक्षिक संस्थाओं से सीखकर आने के बाद मेंटर शिक्षकों में अलग ही उत्साह और आत्मविश्वास है और इस उत्साह के साथ वे अपनी कक्षाओं में पढ़ाई का शानदार माहौल तैयार करेंगे. इतना ही नहीं, वे अपने साथी शिक्षकों को सीखने-सीखाने के इनोवेशन से परिचित भी कराएंगे.

सीखने के लिए नामी संस्थानों में भेजा जा रहा: दरअसल, दिल्ली सरकार के स्कूलों के बाद अब एमसीडी स्कूलों में भी शिक्षा क्रांति लाने की दिशा में सरकार प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है. एमसीडी स्कूलों के शिक्षकों का प्रोफेशनल डेवलपमेंट हो सके और वे अपने क्लास में सबसे बेहतरीन सीखने-सीखाने के तरीकों को अपना सके. इस दिशा में केजरीवाल सरकार की राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एससीईआरटी) एमसीडी स्कूलों के मेंटर शिक्षकों को देशभर के नामी संस्थानों में सीखने के लिए भेज रही है. पिछले दिनों एससीईआरटी द्वारा एमसीडी स्कूलों के 20-20 मेंटर शिक्षकों के समूह को पालमपुर के अविष्कार लैब ऑफ साइंस, मैथ, आर्ट एंड टेक्नोलॉजी व बेंगलुरु में अन्वेषाना, अन्नास्वामी मुदलियार, दीया घर, माल्या अदिति इंटरनेशनल स्कूल और बीईएमई में पांच दिवसीय प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए भेजा गया था.

मेंटर टीचरों ने बताया अपना अनुभव

मेंटर टीजरों ने साझा किए अनुभव:शिक्षा मंत्री के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए मेंटर शिक्षकों ने कहा कि, एक्सपोजर विजिट के दौरान हमने ये जाना कि कैसे अनूठे तरीकों को अपनाते हुए हम पढ़ाई को रोचक बना सकते है और कैसे किताब और क्लासरूम से परे बच्चों को सिखाया जा सकता है. साथ ही यह भी जाना कि कैसे हर बच्चे की सीखने से जुड़ी व्यक्तिगत जरूरतों को समझते हुए उसे पूरा किया जा सकता है. मेंटर टीचर्स ने कहा कि इन विजिट से उन्हें जीवन भर याद रहने वाली सीख मिली है, जिसे वह क्लासरूम में अपनाने और साथी शिक्षकों से साथ साझा करने के लिए बेहद उत्सुक हैं.

अब एमसीडी के शिक्षकों की बारी: इसके बाद शिक्षा मंत्री ने कहा कि, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों के लिए ग्लोबल टीचिंग प्रैक्टिस से परिचित होना आवश्यक है. इस दिशा में हमने पिछले आठ सालों में दिल्ली सरकार के स्कूलों में शिक्षकों को वर्ल्ड क्लास एक्सपोजर दिया और अब एमसीडी स्कूलों के शिक्षकों की बारी है. उन्होंने कहा कि एक्सपोजर विजिट के बाद वर्तमान स्थिति में भी, अपने स्कूलों में नई पहलों को लागू करने के लिए मेंटर शिक्षकों का उत्साह और उनके इच्छा, एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है. ये अपने आप में एक बड़ा बदलाव है. शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों से इस प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम के आधार पर एमसीडी स्कूलों में बच्चों के सीखने की जरूरतों को समझने और उनके लिए नए एक्टिविटीज को डिजाइन करने की भी बात कही.

पालमपुर के आविष्कार सेंटर में मेंटर टीचर्स

मेंटर शिक्षकों ने सीखी ये बातें:बताया गया कि पालमपुर के आविष्कार सेंटर में मेंटर टीचर्स ने सीखा की कैसे विभिन्न गतिविधियों के द्वारा बच्चों में गणितीय और वैज्ञानिक मानसिकता को विकसित किया जा सकता है ताकि बच्चे इन विषयों को बेहतर ढंग से सीख सकें. यहां उन्होंने गणित को भाषा के रूप में समझना प्राथमिक कक्षाओं के लिए इसे मजेदार बनाना भी सीखा ताकि बच्चे गणित से डरने के बजाए उसमें रुचि लें. वहीं अन्वेषाना मॉन्टेसरी हाउस ऑफ चिल्ड्रन की विजिट के बाद मेंटर शिक्षकों ने अनुभव साझा किया कि वहां छात्र सीखने के लिए स्वतंत्र थे और अपनी मर्जी से विभिन्न विषयों को सीखने के साथ अन्य गतिविधियों में भाग भी ले रहे थे. साथ ही स्कूल में बच्चों को पूरी स्वतंत्रता दी जा रही थी कि वे खुद से और अपने साथियों से सीखते हुए नॉलेज डेवलप करें.

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