नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले गेस्ट टीचरों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज न होने का खामियाजा उनको भुगतना पड़ता है. स्कूल से समय पर एक्सपीरिएंस सर्टिफिकेट नहीं जारी किए जाने की वजह से गेस्ट टीचरों को नौकरी से हाथ धोना पड़ता है. इस संबंध में शिक्षा विभाग ने एक नोटिस जारी किया है. नोटिस में सभी सरकारी स्कूलों को एक जुलाई 2022 से 30 जून 2023 तक सभी गेस्ट टीचर्स का ऑनलाइन एक्सपीरिएंस सर्टिफिकेट जारी करने का निर्देश दिया है.
गेस्ट टीचर ने की शिक्षा विभाग में शिकायत
डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन योगेश पाल सिंह द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि उनके संज्ञान में आया है कि 27 जुलाई को जनकपुरी स्थित सरकारी स्कूल के प्रभारी द्वारा टीजीटी नेचुरल साइंस की गेस्ट टीचर प्रिया बजाज की ऑनलाइन उपस्थिति अपडेट नहीं की गई, जिसके चलते उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया. उनकी एक शिकायत ई-वी शाखा में प्राप्त हुई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनकी कोई गलती नहीं होने के बावजूद उन्हें कार्यमुक्त किया गया है. एचओएस/प्रभारी तीन के अंदर व्यक्तिगत रूप से एक लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें कि उन्होंने गेस्ट टीचर्स की ऑनलाइन उपस्थिति को अपडेट क्यों नहीं किया ?
क्या कहते हैं गेस्ट टीचर एसोसिएशन
ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव शोएब राणा ने कहा कि विद्यालय प्रमुखों की लापरवाही के चलते समय से एक्सपीरिएंस सर्टिफिकेट जारी ना करने के कारण गेस्ट टीचर्स की सीनियारिटी पर असर पड़ता है. सीनियर होते हुए भी ऑनलाइन वर्किंग डेज नही जुड़ पाते जिसके कारण वह टेक्निकली जूनियर हो जाता है जिसके कारण सीनियर गेस्ट टीचर्स के आने के कारण उनकी नौकरी चली जाती है. ऐसे लापरवाह विद्यालय प्रमुखों पर कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि ऐसे स्कूल प्रमुख गेस्ट टीचर्स को दोयम दर्जे का कर्मचारी मानते हैं और उनके साथ सौतेला व्यवहार करते हैं. समय से गेस्ट टीचर्स के काम नही हो पाते जिसका खामियाजा उनको नुकसान उठाना पड़ता है.
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