नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार में कैबिनेट मंत्री राजकुमार आनंद के सरकारी आवास पर गुरुवार सुबह से शुरू हुई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रेड शुक्रवार को जाकर समाप्त हुई. दरअसल, ईडी ने धनशोधन यानी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले की जांच के तहत मंत्री राजकुमार के परिसरों और कुछ अन्य स्थानों पर छापा मारा. टीम तकरीबन 21 से 22 घंटे तक राजकुमार आनंद के घर पर मौजूद रही और घर के अंदर सभी दस्तावेजों की पड़ताल की. सूत्रों के अनुसार सर्च आपरेशन के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं, लेकिन इसका खुलासा होना बाकी है.
वहीं, इस रेड के बाद दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद ने कहा, 'ये हमें तंग करने के लिए आए थे. पूरे घर की तलाशी ली, जिसमें उन्हें कुछ नहीं मिला. ऐसा कहते रहे कि ऊपर से आदेश है और समय निकालते गए. इस देश में सच बोलना, काम की राजनीति करना गुनाह बन गया है. ईडी जो कस्टम का मामला बता रही है, वो 20 साल पुराना है और उसमें सुप्रीम कोर्ट तक का फैसला आ चुका है. ये लोग आम आदमी पार्टी को खत्म करना चाहते हैं. ये चाहते हैं कि काम की राजनीति न हो, इसलिए ऐसे परेशान किया जा रहा है.'
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस सर्च आपरेशन के दौरान ईडी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज व इलेक्ट्रानिक सुबूत मिले हैं, जिन्हें सीज कर लिया गया है. जांच एजेंसी कैबिनेट मंत्री से जुड़े हवाला कारोबारियों के नेटवर्क को खंगाला है. माना जा रहा है कि आने वाले समय में कई बड़े हवाला कारोबारियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है. कई सरकारी अधिकारी जांच एजेंसी के रडार पर हैं. जिन 9 ठिकानों पर छापेमारी की गई वहां मौजूद 50 से अधिक लोगों से ईडी ने घंटों पूछताछ की.