नई दिल्ली:दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों में मनी लांड्रिंग मामले में सुनवाई की. आरोपी ताहिर हुसैन के खिलाफ दर्ज मामले में शुक्रवार को ईडी के स्पेशल डायरेक्टर की ओर से कहा गया कि आगे मामले की पैरवी करने में ईडी की ओर से कोई कोताही नहीं बरती जाएगी. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने ताहिर हुसैन की अपनी पत्नी के पक्ष में जनरल पावर ऑफ अटार्नी पर हस्ताक्षर करने की अनुमति मांगनेवाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी.
ईडी के डायरेक्टर को पेशी से छूट:इस दौरान ED की ओर से वकील जोहेब हुसैन, एनके माटा के अलावा जांच अधिकारी और ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर पंकज खत्री, ईडी के स्पेशल डायरेक्टर की ओर ज्वायंट डायरेक्टर रॉबिन गुप्ता और आरआर कुमार पेश हुए. ईडी के स्पेशल डायरेक्टर पेश नहीं हुए और उन्होंने पेशी से छूट की मांग की. जोहेब हुसैन ने कहा कि इस मामले से संबधित ईडी के सभी अधिकारी कोर्ट में मौजूद हैं और वे इस बात का भरोसा देते हैं कि केस की पैरवी में कोई कोताही नहीं होगी. उसके बाद कोर्ट ने ईडी के डायरेक्टर को पेशी से छूट दे दी.
ED ने ताहिर हुसैन की अर्जी पर अपना जवाब भी दाखिल किया. 4 दिसंबर को कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की ओर से किसी के पेश नहीं होने पर ईडी के स्पेशल डायरेक्टर को तलब किया था. इस मामले में ताहिर हुसैन ने अर्जी दाखिल कर अपनी पत्नी के पक्ष में जनरल पावर ऑफ अटार्नी पर हस्ताक्षर करने की अनुमति मांगी है. ईडी की ओर से इस अर्जी पर कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया था. उसके बाद कोर्ट ने ईडी के स्पेशल डायरेक्टर को तलब कर लिया.
आरोप तय करने का दिया था आदेश: कोर्ट ने 11 जनवरी को ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप तय कर दिया था. कोर्ट ने मनी लाउंड्रिंग एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने ताहिर हुसैन को आरोपों के बारे में बताया. इसके बाद ताहिर हुसैन ने आरोपों का सामना ट्रायल के जरिये करने की बात की. 19 फरवरी, 2022 को कोर्ट ने इस मामले के सह-आरोपी अमित गुप्ता को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी थी. 5 मार्च 2022 को कोर्ट ने इस मामले के आरोपी ताहिर हुसैन ने जमानत याचिका खारिज कर दिया था.