नई दिल्ली: GST में गड़बड़ी होने पर ED व्यापारियों पर Prevention of money laundering act के अंतर्गत कार्रवाई कर सकेगा. दिल्ली में व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने इसको लेकर चिंता जताई है.
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CTI के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि टैक्स से जुड़े मामलों में ED सीधा दखल दे सकेगी. इसको लेकर व्यापारियों में चिंता बढ़ गई है क्योंकि ED के दुरुपयोग की संभावना को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है और ED के मामले में जमानत में सालों लग जाते हैं. CTI के सदस्यों का कहना है कि व्यापारी इस बात की कैसे गारंटी लेंगे कि जिससे उन्होंने माल खरीदा या बेचा है उन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की है. इसके अलावा जीएसटी व्यवस्था आज भी इतनी जटिल है कि कोई ना कोई ग़लती होने की संभावना बनी ही रहती है.
बृजेश गोयल ने कहा कि वित्त मंत्रालय को और स्पष्टीकरण देना चाहिए कि GST के किन मामलों में और कितने तक की त्रुटि में ED सीधे दखल दे सकती है ? नहीं तो इसके दुरूपयोग की संभावना बनी रहेगी. CTI महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने बताया कि व्यापारियों को नोटिस आया, ED ऑफिस गए, बाहर आएंगे या नहीं, पता नहीं, ये डराता है. नोटिस पर CA या वकील को साथ ले जाने की छूट भी ना के बराबर है. GST में ज़्यादा परेशानी इसलिए है क्योंकि ज़्यादातर कारोबारी अपने सप्लायर, उसकी परचेज, गतिविधियों के बारे में लगातार और पूरी जानकारी नहीं रखते हैं. सप्लायर के गलत काम में भागीदारी के आरोप का संशय बना रहता है.
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