नई दिल्ली :दिल्ली शराब घोटाले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के पीए देवेंद्र शर्मा (रिंकू) को करीब सात घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने छोड़ दिया है. बताया जा रहा है कि शराब घोटाले मामले में ईडी के अधिकारियों ने उससे पूछताछ की थी. दोपहर में सिसोदिया के हवाले से खबर आई कि शर्मा को ED ने अरेस्ट कर लिया है.
सिसोदिया ने दावा किया था कि प्रवर्तन निदेशालय ने उनके पीए को गिरफ्तार कर लिया है. देवेंद्र शर्मा पूर्वी दिलो के मंडावली में रहते हैं. एक ट्वीट में सिसोदिया ने कहा, 'इन्होंने झूठी FIR कर मेरे घर रेड करवाई, बैंक लॉकर तलाश लिए, मेरे गाँव में जाँच कर ली लेकिन मेरे ख़िलाफ़ कहीं कुछ नहीं मिला आज इन्होंने मेरे PA के घर पर ईडी की रेड करी वहाँ भी कुछ नहीं मिला तो अब उसको गिरफ़्तार कर के ले गये है. भाजपा वालो! चुनाव में हार का इतना डर'. वहीं, सिसोदिया के इस दावे पर बीजेपी ने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है.
दिल्ली में पहले शराब की बिक्री सरकारी दुकानों में होती थी. निर्धारित रेट पर ही चुनिंदा जगहों पर खुली हुई दुकानों में ही शराब बेची जाती थी. यह वर्षों पुरानी बनाई गई नीति के तहत शराब की बिक्री होती थी. केजरीवाल सरकार ने गत वर्ष नवंबर में शराब की बिक्री के लिए नई आबकारी नीति को लागू किया. इसके तहत शराब की बिक्री की जिम्मेदारी निजी कंपनियों व दुकानदारों को दे दिया गया. सरकार का कहना था कि इससे कंपटीशन होगा और कम कीमत पर शराब खरीद सकेंगे. इसके अलावा दुकान पर देसी विदेशी सभी ब्रांडों की शराब एक जगह मिलेगी. लेकिन नई आबकारी नीति के तहत नवंबर से दिल्ली में बिक रही शराब की दुकानों को अचानक बंद करने का सरकार ने फैसला लिया. जिससे शराब की बिक्री को लेकर अफरा-तफरी मच गई.
नई आबकारी नीति बनाने में बरती गई अनियमितता को लेकर अगस्त महीने में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा आबकारी विभाग के पूर्व कमिश्नर ए गोपी कृष्ण और डिप्टी कमिश्नर आनंद कुमार तिवारी समिति ने 11 अधिकारियों को सस्पेंड किया था. यह कार्रवाई दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार द्वारा उपराज्यपाल को सौंपी गई 37 पेज की रिपोर्ट के बाद की गई है. रिपोर्ट में सतर्कता विभाग की जांच को आधार बनाया गया है. विजिलेंस विभाग द्वारा दी गई अपनी रिपोर्ट में नई आबकारी नीति में कई तरह की कथित गड़बड़ियों को बताया गया है.
देवेंद्र शर्मा के पिता की प्रतिक्रिया