नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों का अंबेडकर विश्वविद्यालय में विलय करने का प्रस्ताव पर दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ( DUTA ) अपनी नाराजगी जाहिर की है. DUTA ने आप सरकार की शिक्षा मंत्री आतिशी और भारत सरकार के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर अपना आक्रोश जताया है. दिल्ली विश्वविद्यालय के ये सभी 12 कॉलेज दिल्ली सरकार की ओर से वित्त पोषित हैं.
DUTA ने AAP सरकार को चेतावनी दी है कि फंड रोकने की हिम्मत न करें और अगर फंडिंग रोकी गई या कॉलेजों को DU से बाहर किया गया, तो DUTA AAP की उच्च शिक्षा नीति के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेगा. साउथ कैंपस के निदेशक प्रोफेसर प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार, 17 जनवरी को दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद द्वारा गठित समिति की बैठक आयोजन किया गया. DUTA ने समिति को इस मुद्दे पर एक विस्तृत नोट प्रस्तुत किया. इस नोट में DUTA ने कहा है कि DU 12 कालेज को डी-एफिलेट नहीं कर सकता. ये सभी कालेज DU के घटक महाविद्यालय हैं.
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प्रोफेसर प्रकाश सिंह का आरोप है कि आप सरकार दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों को नष्ट करना चाहती है और इन कॉलेजों की डीयू से मान्यता रद्द करना चाहती है. वह उच्च शिक्षा के वित्तपोषण की अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है. इससे वास्तविक शिक्षा मॉडल उजागर हो गया है. DUTA सार्वजनिक वित्त पोषित संस्थानों को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है. जैसा कि आतिशी ने केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में कहा है, वह इन कॉलेजों को राज्य संचालित विश्वविद्यालयों का हिस्सा बनने और अंततः स्वायत्त कॉलेजों में परिवर्तित होने की अनुमति नहीं दे सकता है. इसका मतलब यह है कि ये कॉलेज जल्द ही स्व-वित्तपोषित संस्थान बन जाएंगे.
बता दें कि दो सप्ताह पहले दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखा है. पत्र में लिखा है कि दिल्ली सरकार का मानना है कि लंबे समय से इन कॉलेज में वित्तीय अनियमिता सामने आ रही है. यही कारण है कि अब इन कॉलेजों को दिल्ली की राज्य स्तरीय यूनिवर्सिटी 'अंबेडकर विश्वविद्यालय' या दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी में शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है. गौरतलब है कि वर्ष 1986-94 के दौरान केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के शिक्षा बजट का उपयोग करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के तहत इन 12 कॉलेजो की स्थापना की थी.
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