नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ ने सरस्वती घाटी सभ्यता पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया. यह आयोजन डीयू के नॉर्थ कैंपस में स्थित कॉन्फ्रेंस सेंटर में किया जा रहा है.
DU छात्रसंघ अध्यक्ष शक्ति सिंह का कहना कि इस संगोष्ठी के माध्यम से भारत की प्राचीनतम सभ्यता माने जाने वाली सरस्वती घाटी सभ्यता से छात्र रूबरू हो सकेंगे.
DU में सरस्वती घाटी की सभ्यता पर संगोष्ठी का आयोजन
बता दे कि संगोष्ठी के पहले दिन इसमें केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्रीनिवास, मेजर जनरल जीडी बख्शी, प्रतिष्ठित विद्वान राजीव मल्होत्रा और डूसू अध्यक्ष शक्ति सिंह शामिल हुए.
'भारत का इतिहास और संस्कृति समृद्ध है'
सरस्वती घाटी सभ्यता पर आधारित इस संगोष्ठी को लेकर केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति की धरोहर से रूबरू कराने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम की आधुनिक काल में बहुत आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास और उसकी संस्कृति बहुत ही समृद्ध रही है जिसके प्रमाण साहित्य और स्मारक द्वारा समय-समय पर प्राप्त होते रहे हैं.
उन्होंने DUSU की इस पहल की सराहना की और कहा कि सांस्कृतिक धरोहरों के प्रति लोगों के विचारों को सुस्पष्टता प्रदान करने के लिए ऐसे कार्यक्रमों की बहुत ही आवश्यकता है.
'वामपंथियों ने इतिहास को पढ़़ाया है कल्पना के आधार पर'
वहीं ABVP के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्रीनिवास ने कहा की समकालीन शिक्षण संस्थानों द्वारा जो इतिहास छात्रों को पढ़ाया जाता है वह वामपंथियों ने अपनी कल्पना के आधार पर गढ़ लिया है. यही कारण है कि आजादी के बाद जो शिक्षा युवाओं को दी जा रही है उसमें असली भारत के तथ्यों की जगह केवल कल्पना आधारित तथ्य दिए गए हैं, जो पूरी तरह से वामपंथियों के दृष्टिकोण से गठित हैं और जिस से युवा पीढ़ी को गुमराह करने का काम किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय यदि इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करता है तो इससे कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र भारतीय इतिहास और पुरातन संस्कृति के प्रति जागरूक हो सकेंगे.
'युवा पीढ़ी भारतीय संस्कृति से अनभिज्ञ'
इस संगोष्ठी को लेकर DUSU के अध्यक्ष शक्ति सिंह ने कहा कि हर राष्ट्र के विकास का आधार उसका इतिहास और उसकी संस्कृति होती है. वहीं देश के भविष्य की कमान संभालने वाली युवा पीढ़ी कहीं ना कहीं आज भी पुरातन भारतीय संस्कृति और उसके समृद्ध इतिहास से अनभिज्ञ है. ऐसे में युवाओं को अपने देश की सभ्यता और संस्कृति के सही तथ्यों से परिचित कराने के लिए DUSU यह पहल कर रहा है.