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DU: डूसू ने डीन एडमिशन का किया घेराव, कहा छात्र विरोधी फैसले को वापस लेना ही होगा - Proctor neeta sehgal

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ ने डीन एडमिशन प्रोफेसर शोभा बगई से मुलाकात की. इस दौरान उनके सामने दो मांगे रखी गईं. साथ ही डूसू ने कहा कि प्रशासन को छात्र विरोधी फैसले को वापस लेना ही होगा.

DUSU besieges Dean Admission of DU says anti-student decision will have to be withdrawn
DU: डूसू ने डीन एडमिशन का किया घेराव

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Published : Oct 19, 2020, 10:10 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2020 21 के लिए दाखिला प्रक्रिया चल रही है. वहीं दूसरी कटऑफ के आधार पर दाखिला प्रक्रिया शुरू हो गई है. लेकिन इस बार किसी कारणवश पहली कटऑफ में नाम आने के बावजूद छात्र एडमिशन नहीं ले सके तो उसे इस बार दूसरी कट ऑफ के अंतिम दिन मौका नहीं मिलेगा. जो पिछले कुछ वर्षों तक होता आया है.

डूसू ने डीन एडमिशन का किया घेराव.

वहीं इसी पूरे मामले को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ ने डीन एडमिशन प्रोफेसर शोभा बगई से मुलाकात की और करीब एक घंटे तक काफी गहमागहमी भी देखने को मिली. वहीं इस मौके पर प्रॉक्टर नीता सहगल भी पहुंची.


अगली कट ऑफ के अंतिम दिन एडमिशन लेने का मिले मौका

वहीं इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष अक्षित दहिया ने कहा कि हमारी दो प्रमुख मांग थी. पहली मांग है कि कॉलेजों में नोडल अधिकारियों की संख्या बढ़ाई जाए. और दूसरी प्रमुख मांग कि गत वर्ष तक एडमिशन के दौरान अगर कट ऑफ की निर्धारित तारीख तक किसी कारणवश छात्र एडमिशन नहीं ले पाते थे तो उन्होंने अगली कट ऑफ के अंतिम दिन एडमिशन लेने का मौका मिलता था. पर इस बार दाखिला कमेटी ने इस नियम को बदल दिया है. जिसकी वजह से छात्रों को काफी परेशानी आ रही है.

प्रशासन का तुगलकी फरमान

वहीं अक्षित ने इसे प्रशासन का तुगलकी फरमान बताया और कहा कि इस तरह का फैसला छात्र हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को अपने इस छात्र विरोधी फैसले को वापस लेना ही होगा क्योंकि इस फैसले की वजह से छात्रों को काफी परेशानी आ रही है.

नोडल अधिकारियों की संख्या बढ़ाने की मांग की

इसके अलावा उन्होंने कहा कि हर कॉलेज में प्रतिदिन 200 से अधिक छात्रों के एडमिशन हो रहे हैं लेकिन छात्रों को आ रही परेशानी को दूर करने के लिए केवल एक नंबर ही जारी किया गया है पर जो नंबर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से दिया गया है वह लोग भी फोन नहीं उठा रहे हैं जिसकी वजह से दाखिले के दौरान छात्रों को आ रही परेशानी का निदान भी नहीं हो पा रहा है. अक्षित ने कहा कि एडमिशन कमेटी से शनिवार को भी मुलाकात की थी पर इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को नोडल अधिकारियों की संख्या को बढ़ाना ही होगा.


कल तक समाधान करने का मिला आश्वासन

वहीं अक्षिता दहिया ने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर डीन एडमिशन प्रोफेसर शोभा बगई ने कल तक समाधान करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस फैसले को नहीं बदला तो एबीवीपी और डूसू उग्र विरोध प्रदर्शन करेगी.

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