नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) ने अभी हाल में ही अपना 100 साल के जश्न में शताब्दी समापन समारोह मनाया. पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस कार्यक्रम में एडहॉक से सहायक प्रोफेसर बने 2100 से ज्यादा प्रोफेसर मौजूद रहे. डीयू की ओर से कार्यक्रम सफल रहा, लेकिन दूसरी तरफ डीयू से संबद्ध कई कॉलेज में एडहॉक व गेस्ट शिक्षकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. कई महीनों से सैलरी नहीं मिलने से इन शिक्षकों के सामने घर चलाने का घोर संकट खड़ा हो गया है. कई कॉलेज में 3 माह से अधिक दिन होने के बाद भी सैलरी नहीं दी गई है.
शिक्षकों ने वीसी को बताई समस्या:शिक्षकों ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. योगेश सिंह को इस मामले में पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि एक जुलाई शुरू होने के बावजूद शिक्षकों और कर्मचारियों को जून की सैलरी का अब तक इंतजार है. कुछ मामलों में बकाया एक महीने से अधिक का है. आगे पत्र में कहा गया कि 16 जून 2023 को हमने डीन ऑफ कॉलेजेज को पत्र लिखकर चिंता जताई कि दयाल सिंह कॉलेज और गार्गी कॉलेज में पिछले तीन महीनों से तदर्थ शिक्षकों को वेतन का भुगतान नहीं किया गया है.
रिटायर्ड कर्मचरियों को भी नहीं मिल रही पेंशन:शिक्षकों ने बताया कि कई कॉलेजों में अतिथि शिक्षकों की बहाली भी एक महीने से अधिक समय से लंबित है. कुछ मामलों में, अतिथि शिक्षकों को पिछले 5 महीनों से भुगतान नहीं किया गया है. कई कॉलेजों में एक माह से अधिक समय से सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिली है. कुछ मामलों में, मासिक पेंशन का केवल आंशिक भुगतान ही जारी किया गया था. इन वरिष्ठ साथियों ने हमारे विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों की गौरवशाली यात्रा में अपना पसीना और खून बहाया है और उनमें से कई तो पूरी तरह से अपनी पेंशन पर ही निर्भर हैं.