नई दिल्ली:पिछले 1 साल से राजधानी दिल्ली के बाजार और व्यापार पर जबरदस्त मंदी की मार कोरोना के चलते पड़ी है. जिसकी वजह से व्यापारी काफी परेशान है.वही हाउसहोल्ड इंडस्ट्री एक ऐसा क्षेत्र जिसमें राजधानी दिल्ली के अंदर काफी बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है. उस पर भी इन दिनों कोरोना के चलते भयंकर मंदी की मार पड़ी है.आपको बता दें हाउसहोल्ड इंडस्ट्री के क्षेत्र से जुड़े कारोबारी वर्तमान समय में मंदी की वजह से काफी ज्यादा परेशान हैं. यहां तक की कारोबारी अपना खर्चा तक नहीं निकाल पा रहे हैं.
फैक्ट्री का किराया और कर्मचारियों का वेतन निकालना हुआ मुश्किल हाउसहोल्ड इंडस्ट्री के क्षेत्र के व्यापार के पर कोरोना का काफी असर पड़ा है, जिससे कारोबारी फैक्ट्री का किराया तक नहीं भर पा रहे हैं. ना तो कारोबारियों को कोई प्रॉफिट हो रहा है और ना ही वो अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन दे पा रहे हैं.कोरोना की वजह से आई मंदी के चलते कारोबार आधा रह गया, जिसकी वजह से परेशानियां कारोबारियों की कई गुना तक बढ़ गई हैं और उन्हें अपने कारोबार को मजबूरन आधा करना पड़ रहा है और लेबर की संख्या भी घटानी पड़ी है.
रॉ मेटेरियल हुआ महंगा
हाउस होल्ड इंडस्ट्री क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों ने ईटीवी भारत को बातचीत के दौरान बताया कि वर्तमान समय में रॉ मटेरियल यानी कि कच्चा माल जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है वो काफी ज्यादा महंगा हो चुका है. लगभग डेढ़ गुना तक कच्चे माल के रेट बढ़ चुके हैं, जिसकी वजह से माल बनाने की लागत भी बढ़ चुकी है, लेकिन बाजार में उन्हें उनकी मेहनत का दाम नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से कारोबारियों के प्रॉफिट मार्जिन में 80% से ज्यादा की गिरावट बाजार में देखने को मिल रही है. जो कारोबारियों के सिर का दर्द बन चुका है.
वर्तमान हालातों से निराश कारोबारी
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कारोबारियों ने कहा कि साल 2021 से उम्मीदें थी कि कुछ अच्छी खबर लेकर आएगा, लेकिन जिस तरह से वर्तमान समय में हालात बन रहे हैं. उससे लगता है कि साल 2021 भी 2020 की तरह ही जाएगा और कारोबारियों के लिए मुश्किल भरा रहेगा. बाजार में व्यापार अभी तक अपनी रफ्तार नहीं पकड़ पाया है ना तो बाजार में डिमांड है और ना ही उम्मीद के मुताबिक माल की कीमत मिल रही है.
कारोबार में नहीं हो रही बचत
बातचीत में कारोबारियों ने बताया कि पिछले कुछ सालों तक जहां कारोबार में ना सिर्फ फायदा होता था, बल्कि बचत भी होती थी, लेकिन जब से कोरोना आया है तब से फायदा तो दूर की बात बचत भी खत्म सी हो गई है. बड़ी मुश्किल से सिर्फ वर्कर की सैलरी और खर्चा निकल पाता है.
लॉकडाउन के बाद शुरू हुआ व्यापार मुश्किलों से घिरा
हाउसहोल्ड इंडस्ट्री के क्षेत्र से जुड़े कारोबारी अजीत ने बातचीत के दौरान बताया कि जब लॉकडाउन लगा था. तब इतना असर नहीं पड़ा था, जो अब पढ़ रहा है. दरअसल उस समय कारोबारी और हम लोगों के पास थोड़ा बहुत पैसा था, जिससे काम चल गया. लॉकडाउन के बाद अब जैसे-तैसे उधार लेकर काम दोबारा शुरू करा है, लेकिन बाजार में मंदी की वजह से सब कुछ चरमराया हुआ है. एक तरफ जहां माल बिक नहीं रहा है. वहीं दूसरी तरफ मार्जन कम हुआ है और माल बनाने में इस्तेमाल होने वाला सामान भी महंगा हो गया है.
बहरहाल कुल मिलाकर देखा जाए तो भले ही कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन को 1 साल हो गया हो, लेकिन अभी भी ना तो कोरोना का कहर कम होता नजर आ रहा है और ना ही बाजार पर मंदी का असर. जिस तरह से दोबारा कोरोना के मामले तेज गति के साथ राजधानी दिल्ली में बढ़ रहे हैं. उसने ना सिर्फ लोगों की चिंता बढ़ाई है, बल्कि कोरोना की वजह से लगातार बाजार में मंदी का दौर भी बदस्तूर जारी है, जिसकी वजह से व्यापारियों के ऊपर तो बुरा असर पड़ा ही है. वहीं हाउस होल्ड इंडस्ट्री एक ऐसा क्षेत्र जिससे राजधानी दिल्ली में काफी बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है. उस पर भी कोरोना के चलते मंदी का बुरा असर पड़ रहा है.