नई दिल्ली:डीयू में फाइनल ईयर और पूर्व छात्र के लिए ऑनलाइन ओपन परीक्षा जारी है. वहीं इस दौरान प्रशासन की ओर से लगातार की जा रही गलतियों से केवल छात्र ही नहीं बल्कि शिक्षक भी परेशान हो रहे हैं. इस पूरे मामले को लेकर एक्सक्यूटिव काउंसिल के सदस्य प्रोफेसर राजेश झा का कहना है कि प्रशासन अपनी जिद पूरी करने के लिए सभी छात्रों को परेशान करने पर तुला हुआ है.
उनका कहना है कि डीयू प्रशासन परीक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे को भी गंभीरता से नहीं ले रहा है. प्रश्न पत्र पर छात्रों के नाम सार्वजनिक करना, उनकी ईमेल आईडी लेना छात्रों की गोपनीयता के साथ खिलवाड़ है. ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से भी विश्वविद्यालय प्रशासन को ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा तत्काल प्रभाव से रद्द कर एक्सक्यूटिव काउंसिल और अकादमिक काउंसिल के साथ बैठक आयोजित कर इसके विकल्प पर विचार करने की जरूरत है.
परीक्षा का डीयू प्रशासन ने बनाया मज़ाक
बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित की गई ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा में छात्रों को जारी किए गए दिशा-निर्देशों में एक निर्देश ये भी था कि उन्हें अपना नाम, रोल नंबर भी उत्तर पुस्तिका पर लिखना होगा. इसके अलावा मेल के जरिए भी छात्र उत्तर पुस्तिका भेज सकेंगे.
इस पूरे मामले पर सवाल उठाते हुए एक्सक्यूटिव काउंसिल के सदस्य प्रो. राजेश झा ने कहा कि छात्रों की निजी जानकारियां कॉलेज प्रशासन के पास गुप्त रहती है. यहां तक की आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ कि उत्तर पुस्तिका में छात्रों से उनके नाम लिखवाए गए हों.
ऐसे में उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को ये भी नहीं पता होता कि वो किस विद्यार्थी की कॉपी जांच रहा है और इसी तरह की मूल्यांकन प्रक्रिया में ही निष्पक्षता और पारदर्शिता रहती थी.