नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार के सभी डॉ. बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में नए सत्र में 9वीं क्लास में दाखिला लेने वाले बच्चों व उनके पैरेंट्स के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया. जहां पेरेंट्स ने जाना कि कैसे वे अपने बच्चों की शिक्षा में भागीदार बनकर उनके सपनों को उड़ान दे सकते हैं. इस मौके पर शिक्षा मंत्री आतिशी भी रोहिणी सेक्टर-17 स्थित डॉ. बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के ओरिएंटेशन प्रोग्राम में शामिल हुई और पेरेंट्स तथा बच्चों के साथ बातचीत की.
बच्चों के भविष्य को संवारना ही सबसे बड़ी देशभक्ति: पेरेंट्स के साथ चर्चा करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि हमारे बच्चे भारत के भविष्य के निर्माता है. पेरेंट्स इनकी पढ़ाई में भागीदार बने क्योंकि बच्चों के भविष्य को संवारना ही सबसे बड़ी देशभक्ति है. उन्होंने कहा कि पेरेंट्स रोजाना अपने बच्चों से उनकी पढ़ाई पर चर्चा करें, सभी पेरेंट्स को अपने बच्चों के सपनों से रूबरू होने की जरुरत है. बच्चों के भविष्य के लिए स्कूल व टीचर्स तो मेहनत कर ही रहे है, लेकिन बच्चों की पढ़ाई में उनके पेरेंट्स भी बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. इसलिए पेरेंट्स अपने बच्चों की पढ़ाई में भागीदार जरुर बने.
बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय बिताए पेरेंट्स:उन्होंने पेरेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि अपने बच्चों के पढाई में जितना ध्यान देंगे तब बच्चे पढ़ाई में उतना ज्यादा बेहतर करेंगे. उन्होंने कहा कि सभी पेरेंट्स को ध्यान रखना चाहिये कि जब बच्चे स्कूल से घर आए तो आप सभी उसके साथ कम से कम आधे घंटे का खुशनुमा समय जरुर व्यतीत करे. अपने बच्चों से ये जानने का प्रयास करे कि पूरे दिन उसने स्कूल में क्या देखा, क्या सीखा. उन्होंने कहा कि अबतक समाज में यही ट्रेंड बना रहा है कि पिता अपने बच्चे से सिर्फ रिजल्ट के दिन ही बात करते है, लेकिन अब समय आ गया है कि इस अवधारणा को बदलते हुए पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय बिताए और उन्हें जानने कास प्रयास करे कि उनके क्या सपने है और आने वाले भविष्य में क्या करना चाहते है.
क्या बोले पैरेंट्स:इस मौके पर पेरेंट्स ने कहा कि दिल्ली सरकार के इस स्कूल में हमारे बच्चों का एडमिशन होना किसी सपने के सच होने जैसा है. हमें विश्वास है कि अपने बच्चे के भविष्य को लेकर हमने जो सपने देखे है इस स्कूल में उन सपनों को सच में तब्दील करने के लिए काम किया जायेगा. बच्चों कि पढ़ाई में पेरेंट्स की भागीदारी के महत्त्व को समझते हुए अभिभावकों ने वादा किया कि एक जिम्मेदार पेरेंट्स की तरह वो अब अपने बच्चों की पढाई में भागीदार जरुर बनेंगे. उल्लेखनीय है कि इस साल दिल्ली में 36 एएसओएसई में 43 स्पेशलाइजेशन के लिए दाखिले चल रहे हैं. 9वीं कक्षा के लिए आए कुल 92 हजार आवेदनों में से 4200 छात्रों को कक्षा 9 में प्रवेश दिया गया है.
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