नई दिल्ली: दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना के मरीजों के होम आइसोलेशन नीति पर सवाल उठाते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि एक अभिभावक अपने परिवार को घर पर मरने के लिए कैसे छोड़ सकता है.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार से खास बातचीत
बस हवा हवाई बातें
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि कुछ महीने पहले केजरीवाल सरकार ने यह दावा किया था कि दिल्ली सरकार के पास कोरोना का इलाज के लिए 30,000 बेड हैं. लेकिन अभी उन्होंने कोर्ट के समक्ष दावा किया कि दिल्ली के पास लगभग साढ़े 6000 बेड उपलब्ध है. जिससे यह साफ पता चलता है कि दिल्ली सरकार के पास कोरोना से बचाव के लिए कोई रणनीति नहीं है. बस हवा हवाई बातें की जा रही है.
'कैसे मरने के लिए छोड़ सकते हैं'
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि चुनाव के समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वह दिल्ली के अभिभावक हैं, तो ऐसे में एक अभिभावक अपने परिवार को मरने के लिए कैसे छोड़ सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दे रही है लेकिन एक कमरे में रहने वाला परिवार खुद को कैसे आइसोलेट करें.
सरकार के पास कोई रणनीति नहीं
दिल्ली की आधी से ज्यादा आबादी मध्यम आय वर्ग की है जो एक या दो कमरों के फ्लैट में रहती है. ऐसे में वह खुद को कैसे आइसोलेट सकेंगे. एक तरफ अमीर लोगों के लिए दिल्ली सरकार ने होटलों में आइसोलेट होने की व्यवस्था की है, लेकिन मध्यम और गरीब लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. क्योंकि सरकार के पास कोरोना से बचाव के लिए कोई रणनीति नहीं है.
ध्यान भटकाने के लिए लॉच किया ऐप
दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली कोरोना ऐप लॉच के सवाल पर चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों पर ध्यान ना देकर लोगों का ध्यान भटकाने के लिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली कोरोना ऐप लॉच किया है. जब दिल्ली सरकार के पास पर्याप्त बेड हैं तो लोगों को होम आइसोलेट क्यों किया जा रहा है.