नई दिल्लीःगणेश चतुर्थी और दुर्गापूजा के बाद लोग नदियों में मूर्तियां व पूजा सामग्री प्रवाहित करते हैं. दिल्ली में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने गाइड लाइन जारी कर यमुना नदी में मूर्तियां प्रवाहित करने पर रोक लगाई है. इसके बावजूद भी ऐसा करने वालों पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगेगा. इतना ही नहीं निगरानी के लिए यमुना नदी के पुलों पर सिविल डिफेंस के चार-चार वालेंटियर्स तैनात रहेंगे.
डीपीसीसी ने अपनी वेबसाइट पर दो पेज की गाइडलाइन अपलोड की है. इसमें डीपीसीसी ने नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के 2019 और 2022 में जारी किए गए आदेश अनुरूप गंगा व उसकी सहायक नदियों में मूर्ति विसर्जित करने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा. यह जुर्माना पर्यावरण क्षतिपूर्ति के तौर पर लगाया जाएगा. इतना ही नहीं एनएमसीजी प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के सेक्शन पांच के तहत नदियों को प्रदूषित करने पर एक लाख रुपये का जुर्माना या जेल का भी प्रावधान है. जेल व जुर्माना दोनों भी हो सकता है. दरअसल, मूर्तियों का निर्माण कैमिकल - मर्करी, जिंग आक्साइड, लेड, क्रोमियम, कैडमियम आदि से होता है. ऐसे में मूर्तियां पानी में प्रवाहित होने पर जल प्रदूषण होता है और जलीय जीवों के लिए खतरा बढ़ जाता है.