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दिल्ली में प्रदूषण पर मंत्री और अफसर में ठनी, DPCC चेयरमैन पर प्रदूषण के रीयल टाइम कारणों का अध्ययन बंद कराने का आरोप

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 25, 2023, 4:18 PM IST

पीडब्लूडी मंत्री आतिशी और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने डीपीसीसी के चेयरमैन पर जनहित के कार्यों को रोकने का आरोप लगाया है. आईआईटी कानपुर के साथ हुए अनुबंध को 2 करोड़ रुपए देकर दोबारा से शुरू कराने की मांग की. Delhi government targets DPCC, Uproar over Delhi's pollution data.

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नई दिल्ली:दिल्ली की पीडब्लूडी मंत्री आतिशी और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को दिल्ली में प्रेस कांफ्रेस कर डीपीसीसी के चेयरमैन पर गंभीर आरोप लगाया. इनका आरोप है कि सचिव अश्वनी कुमार ने 18 अक्टूबर से इस रीयल टाइम स्टडी को रुकवा दिया. दिल्ली में जब प्रदूषण बढ़ रहा है, इस समय ऐसा करना दिल्ली की दो करोड़ जनता के हितों के साथ खिलवाड़ करना है.

वहीं, मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया कि दिल्ली सेवा अधिनियम का यह साइड इफेक्ट है कि दिल्ली की अधिकारी कैबिनेट का फैसला नहीं मान रहे और मनमानी कर रहे हैं. इस स्टडी के अनुसार, किस स्थान पर किस कारण प्रदूषण हो रहा है इसका पता लगाया जाता था और उस पर रोक लगाई जाती थी. मंत्री आतिशी और गोपाल राय ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर रुकी हुई पेमेंट आईआईटी कानपुर को करने और दोबारा स्टडी शुरू कराने की मांग की है. उपराज्यपाल को भी पत्र लिखा जाएगा. साथ ही पत्र में डीपीसीसी के चेयरमैन को सस्पेंड करने की भी मांग की है.

प्रदूषण के कारणों का अध्ययन: पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा दिल्ली आईआईटी कानपुर ने अनुबंध के बाद नवंबर 2022 से दिल्ली में रीयल टाइम प्रदूषण के कारणों का अध्ययन करने का काम शुरू किया था. 10.72 करोड़ रुपए से सेंट्रल दिल्ली में ऑफिस बनाया गया और अत्याधुनिक उपकरण खरीदे गए. प्रदूषण के 13 हॉटस्पॉट के लिए मोबाइल वैन भी लाई गई, जिनके जरिए प्रदूषण के कारणों का पता लगाया जाता है. दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर समस्या को देखते हुए कैबिनेट की बैठक में आईआईटी कानपुर से प्रदूषण के कारणों की रियल टाइम स्टडी कराने का निर्णय लिया गया था.

दो करोड़ रुपए के लिए रुकवाया काम: पर्यावरण मंत्री ने बताया कि 10.72 करोड़ रुपए का भुगतान आईआईटी कानपुर को हो चुका है. सिर्फ दो करोड़ रुपए का भुगतान होना बाकी है. कितना पैसा खर्च होने के बाद अब डीपीसी के अध्यक्ष अश्वनी कुमार ने आईआईटी कानपुर को यह पत्र लिखकर काम रुकवा दिया कि वह आगे का भुगतान नहीं करेंगे. यह काम बहुत महंगा है.

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जनहित के कार्यों को रोकने का आरोप: मंत्री आतिशी ने कहा कि प्रदूषण के रीयल टाइम स्टडी से यह पता चलता था कि दिल्ली के विभिन्न इलाकों में प्रदूषण बढ़ाने का क्या कारण है. इसके बाद उन कारणों पर काम कर प्रदूषण को काम किया जाता है. पहले यहां डाटा नहीं होता था, जिससे काम करने में समस्या आती थी. इस स्टडी के बाद पता चला कि सर्दियों में बड़ी संख्या में सुरक्षा गार्ड खुद को गर्म करने के लिए अलाव जलाते हैं. इसकी वजह से भी बड़ी मात्रा में प्रदूषण होता है, लेकिन आज जब प्रदूषण बढ़ना शुरू हो रहा है तो दिल्ली सरकार के एक एक अधिकारी ने बिना मंत्री या कैबिनेट का परमिशन लिए इस स्टडी पर रोक लगा दिया.

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