नई दिल्लीः हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है. चैत्र महीने में पड़ने वाली अमावस्या को चैत्र अमावस्या कहते हैं. चैत्र अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या या भौमवती अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस बार चैत्र अमावस्या मंगलवार यानी कि 21 मार्च को पड़ रही है. चैत्र अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप नष्ट होते हैं और पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. चैत्र अमावस्या पर दान करने का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन दान करने से व्यापार में इजाफा होता है. साथ ही नौकरी में और बेहतर अवसरों की प्राप्ति होती है.
चैत्र अमावस्या की तिथि और शुभ मुहूर्तः
० चैत्र अमावस्या तिथि: 21 मार्च (मंगलवार)
० शुभ योग:- 20 मार्च (सोमवार) 04:21 PM से 21 मार्च (मंगलवार) 12:42 PM तक
० सर्वार्थ सिद्धि योग:- 21 मार्च (मंगलवार) 5:26PM से 22 मार्च (बुधवार) 6:23 AM तक
पूजा विधि: चैत्र अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदियों (गंगा स्नान) में स्नान करें. यदि पवित्र नदियों में स्नान करने में असुविधा है तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें. भगवान सूर्य देव को तांबे के पात्र में जल अर्पित करें. अपने सामर्थ्य के अनुसार वस्त्र, अनाज, फल आदि दान करें. चैत्र अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से देवी-देवताओं की विशेष कृपा होती है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है.
मान्यताओं के मुताबिक, अमावस्या पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव काफी ज्यादा रहता है. यह नकारात्मक शक्तियां मानसिक और शारीरिक हानि पहुंचाने वाली होती है. नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव से बचने के लिए शास्त्रों में अमावस्या के दिन कई कार्यों को करने की मना ही बताई गई है.