नई दिल्ली: भारत में लंबे समय तक चलता रहा लॉकडाउन घरेलू हिंसा के लिए महिलाओं पर भारी साबित हुआ. राजधानी दिल्ली की बात करें, तो लॉकडाउन के कारण लोगों के कारोबार और रोजगार पर काफी असर पड़ा है. लोग घरों में हैं और उन्हें घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ा है. कुछ मामलों में अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हुए, जिनमें महिला और पुरुष के बीच झगड़े हुए और मारपीट के दौरान चोटें भी आई हैं.
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि घरेलू हिंसा की कोई कॉल अगर पुलिस को मिलती है, तो पुलिस की पहली कोशिश यही रहती है कि परिजनों के बीच में बैठ कर मामले को शांत कर दिया जाए. कई बार परिवार और परिजनों के गुस्से को देखते हुए उन्हें थाने तक लाया जाता है और वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में मामले का निष्पादन होता है.
उत्तर-पूर्वी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित
राजधानी दिल्ली की थाने की बात करें, तो लॉकडाउन के दौरान प्रत्येक थाने में एक से डेढ़ दर्जन कॉल इस बात के लिए होते हैं कि घर में छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा हो रहा है. उत्तर-पूर्वी पुलिस जिले की बात करें, तो यहां लॉकडाउन से अब तक घरेलू झगड़े और हिंसा की लगभग 750 के करीब कॉल आई है. जिनमें अधिकतर मामलों को वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में समझा-बुझाकर शांत कर दिया गया है.