नई दिल्ली: भारत पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा मधुमेह रोगियों वाला देश है. इसे विश्व की डायबिटीज राजधानी भी कहा जाता है. जून 2023 में आई लैंसेट की रिपोर्ट में भारत में साढ़े ग्यारह करोड़ से ज्यादा शुगर रोगी रहते हैं. साथ ही देश में शुगर रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. दिल्ली एम्स में इंडोक्रिनोलॉजी विभाग में प्रोफेसर एवं डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश खडगावत ने बताया कि चौथे और पांचवें नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) की रिपोर्ट के अनुसार देश में ग्रामीण इलाकों में भी शुगर रोगियों की संख्या बढ़ रही है. यह बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि भारत की 75 प्रतिशत आबादी गांव में ही निवास करती है.
डॉक्टर खडगागवत ने आगे कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की अर्थव्यवस्था में कृषि का सबसे बड़ा योगदान रहता है. अगर गांव के रोग ही लोग ही शुगर से पीड़ित होने लगेंगे तो इसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. इसलिए शुगर या डायबिटीज नामक बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक होना आवश्यक है. यह रोग पहले 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को होता था. लेकिन, पिछले काफी समय से यह रोग लाइफस्टाइल रोग के रूप में सामने आया है और इसने 30 साल से ऊपर के लोगों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है.
एम्स की स्टडी में हुआ नया खुलासा :डॉ राजेश खडगावत ने बताया कि हाल ही में एम्स की गर्भवती महिलाओं पर की गई एक स्टडी सामने आई है, जिसमें हमने देखा कि जिन महिलाओं को गर्भवती होने के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज हुई थी उनकी डायबिटीज डिलीवरी होने के बाद ठीक हो गई. लेकिन, उनमें से 30 प्रतिशत महिलाओं को एक साल के अंदर ही टाइप-2 डायबिटीज ने अपनी चपेट में ले लिया.