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पुरानी मेट्रो लाइन पर मिलेंगी नई सुविधाएं, यात्रियों का सफर बनेगा सुहाना

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Published : Mar 18, 2020, 8:38 PM IST

डीएमआरसी जल्द पहले बनी रेड, ब्लू और येलो लाइन के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने जा रही है. इसके तहत मेट्रो की इन लाइनों पर ज्यादा सुविधाएं दी जाएंगी. इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के साथ स्टेशनों को आकर्षक भी बनाया जाएगा.

dmrc will restructure old metro lines like new metro line
पुरानी मेट्रो लाइन में मिलेंगी नई लाइन जैसी सुविधाएं

नई दिल्ली:मेट्रो के तीसरे फेज में बनाई गई मेट्रो लाइन बेहद ही अत्याधुनिक हैं. इनमें मौजूद सुविधाओं के चलते कहीं न कहीं पहले की बनी लाइनों में इन सुविधाओं की कमी दिख रही है. इसके चलते दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (DMRC) पहले बनी रेड, ब्लू और येलो लाइन के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने जा रही है. इससे इन लाइनों पर सफर करने वाले यात्रियों को भी पहले से बेहतर सुविधा मिलेगी.

स्टेशनों को बनाया जाएगा आकर्षक

डीएमआरसी सूत्रों के अनुसार शुरुआत में बनाई गई येलो, ब्लू और रेड लाइन मेट्रो नई लाइनों के मुकाबले पुरानी लगती हैं. इनके कोच की बात करें या स्टेशन की, वह नये स्टेशन के मुकाबले हल्के लगते हैं. इसलिए इन्हें मेट्रो लाइनों की तरह सजाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है. इन लाइनों पर डीएमआरसी एक तरफ जहां इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट करने जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ स्टेशनों को आकर्षक भी बनाने जा रही है.

पहले से बेहतर कोच लाये जाएंगे

डीएमआरसी सूत्रों के मुताबिक इन तीनों लाइनों पर कुछ पुराने कोच की जगह नए कोच लगाए जाएंगे. स्टेशनों पर बेहतरीन कला के नमूने लगाए जाएंगे जो मेट्रो की पिंक लाइन और मैजेंटा लाइन पर लगाए गए हैं. इन लाइनों के मेट्रो कोच में ठंड के समय गर्मी का अहसास कराने के लिए हीटिंग सिस्टम लगाया जाएगा जो अभी सिर्फ नये कोच में हैं. इसमें खास तरह के एसी लगाए जाएंगे जो सर्दियों के समय मेट्रो को कोच के अंदर गरम रखेंगे.

यह सुविधाएं बनाएंगी आपका सफर सुहाना

  • पिंक मेट्रो और मैजेंटा मेट्रो के अंदर लाइट एडजस्ट करने की सुविधा है.
  • नए मेट्रो में मौजूद यह सुविधा पुरानी लाइनों पर चल रही इन तीनों मेट्रो लाइन के कोच में भी मुहैया कराई जाएगी.
  • दरवाजे के खुलने और बंद होने के सिस्टम को भी पहले से बेहतर किया जाएगा क्योंकि इसमें एक-दो बार खुले गेट के साथ मेट्रो चलने के मामले सामने आए थे.
  • मेट्रो में पहले और आखिरी कोच में धुआं पकड़ने की क्षमता होती है. लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि यह धुआं बीच के कोच में भी उठ सकता है. इसे लेकर भी काम किया जा रहा है.

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