नयी दिल्लीः केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को एक होटल के व्यापार केंद्र के सिस्टम से डिजिटल साक्ष्य मिला है, जिसका संबंध हैदराबाद स्थित नेताओं और शराब कारोबारियों से बताया जाता है. इन्हें 'साउथ लॉबी' भी कहा जाता है. इस लॉबी का उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर अधिक प्रभाव बताया जा रहा है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने CBI के अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी है.
साउथ लॉबी से संबंध रखने वाले अधिकारी का कहना है कि इस लॉबी के सदस्य दिल्ली की नई एक्साइज पॉलिसी के तहत शराब के ठेके से अधिक मुनाफा कमाना चाहते थे. इसके लिए इन लोगों ने 2021 में 14 से 17 मार्च तक दिल्ली के होटल में ठहरे थे और कुछ दस्तावेजों की फोटोकॉपी के लिए अपने व्यापार केंद्र का इस्तेमाल किया था.
अधिकारी ने बताया कि इस लॉबी का दिल्ली प्रवास के दौरान कथित रूप से संदिग्ध बिचौलिए विजय नायर से मुलाकात हुई थी. यह बिचौलिया उनके पक्ष में नीति बनाने के लिए इन शराब व्यापारियों के साथ सौदा कर रहा था. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने पॉलिसी को लेकर दो सुझाव भी बरामद किए हैं, जिन पर साउथ लॉबी के सदस्यों के बीच चैट हुई थी.
फॉरेंसिक जांच के बाद सीबीआई को 15 मार्च, 2021 की तारीख वाला सिसोदिया के कंप्यूटर से मंत्रियों के समूह का एक मसौदा नोट मिला, जिसमें शराब के थोक विक्रेताओं के लिए लाभ मार्जिन को पांच प्रतिशत तक सीमित किया गया था. हालांकि तीन दिन बाद सिसोदिया द्वारा उनके सचिव को दिए गए मंत्रियों के समूह (जीओएम) के अंतिम मसौदे ने लाभ मार्जिन को बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया था.
आबकारी विभाग संभाल रहे मनीष सिसोदिया 18 मार्च को कथित तौर पर अपने सचिव सी अरविंद को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर बुलाया, जहां उन्हें एक दस्तावेज दिया गया. यह दस्तावेज आबकारी नीति पर मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट का एक मसौदा था. अधिकारियों ने कहा कि इस दस्तावेज को मंत्रिपरिषद के समक्ष रखा जाएगा.
सीबीआई ने पाया कि होटल के व्यापार केंद्र में साउथ लॉबी के सदस्यों ने कथित रूप से फोटोकॉपी किए गए पृष्ठों की संख्या सिसोदिया द्वारा उनके सचिव को सौंपी गई मसौदा रिपोर्ट के समान ही थी. अधिकारियों ने कहा कि मसौदे में थोक विक्रेताओं के लिए 12 प्रतिशत लाभ के अलावा उनके लिए उच्च टर्नओवर की भी बात कही गई थी, जिसे मंत्रियों के समूह की अंतिम रिपोर्ट में शामिल किया गया था.
विजय नायर को 100 करोड़ का भुगतान हुआःउन्होंने कहा कि जीओएम की अंतिम रिपोर्ट से करीब दो दिन पहले साउथ लॉबी के सदस्यों की चैट हिस्ट्री में मिले दो सुझावों को भी इसमें शामिल किया गया था. सीबीआई ने पिछले साल 25 नवंबर को दायर अपनी पहली चार्जशीट में आरोप लगाया है कि 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति थोक स्तर पर कार्टेलाइजेशन और एकाधिकार को बढ़ावा देने और थोक विक्रेताओं के लिए 12 प्रतिशत लाभ मार्जिन प्राप्त करने के लिए तैयार की गई थी. सिसोदिया के करीबी दिनेश अरोड़ा के माध्यम से नायर को 100 करोड़ रुपए का अग्रिम भुगतान किया गया.