नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (डीएचसीबीए) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की उस सिफारिश पर गंभीर चिंता व्यक्त की, जिसके संदर्भ में दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति गौरांग कंठ को कलकत्ता हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव किया गया है. बार एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से विरोध स्वरूप अपने सदस्यों से सोमवार यानी 17 जुलाई, 2023 को काम से अनुपस्थित रहने का अनुरोध किया है, क्योंकि उक्त स्थानांतरण दुर्लभतम मामला है.
यहां खाली है पद, उस पर नहीं है किसी का ध्यानः एसोसिएशन ने कहा है कि सदस्यों से अनुरोध है कि वे सहयोग करें. डीएचसीबीए द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि स्थानांतरण से हाईकोर्ट की मौजूदा ताकत में कमी के कारण न्याय वितरण प्रभावित होगा. यह अफसोस की बात है कि दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायधीशों के खाली पदों को भरने की प्रक्रिया के संबंध में सभी संबंधित पक्ष कोई ध्यान नहीं दे रहा है. फिर भी वर्तमान न्यायाधीश का स्थानांतरण किया जा रहा है, जिससे मौजूदा ताकत और कम हो रही है.
यह भी पढ़ेंः जब सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा, 'राजनेता खेल खेलना बंद कर देंगे, तो सब कुछ ...'