हैदराबाद:SHE मुहिम की शुरुआत 24 अक्टूबर 2014 को हुई थी. इस कैंपेन का मकसद सभी पहलुओं पर, सभी रूपों में, सभी स्थानों पर, हर तरह से, समाज में महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना है. इस मुहिम की मदद से आज महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा हुआ है. महिलाओं के लिये हैदराबाद को सुरक्षित शहर बनाने की कोशिश आज काफी हद तक सफल रही है.
SHE टीम तेलंगाना पुलिस की एक विंग है, जो पांच लोगों के छोटे-छोटे समूहों में काम करती है. ये टीम मुख्य रूप से हैदराबाद के व्यस्त सार्वजनिक क्षेत्रों में एक्टिव रहती है. इनका काम ईव टीज़िंग, स्टॉकरों और उत्पीड़कों को गिरफ्तार करना है. 2014 से अबतक ये टीम 10 हजार के ज्यादा केसों का निपटारा कर चुकी है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में आईजी लॉ एंड ऑर्डर स्वाति लकड़ा ने कई अहम जानकारियों भी साझा की हैं. उन्होंने बताया कि SHE टीम के पास जो भी केस आता है, उसकी पहले अच्छी तरह जांच होती है. कई दफा ऐसा भी देखा गया है कि लोग व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के मकसद से किसी की शिकायत करते हैं. लेकिन बिना जांच पड़ताल के केस को आगे नहीं बढ़ाया जाता.
क्या है 'भरोसा'?
इसके साथ ही हैदराबाद पुलिस ने 2016 में यौन हिंसा की शिकार महिलाओं और बच्चों के लिए एक-स्टॉप सपोर्ट सेंटर 'भरो सा' भी लॉन्च किया. स्वाति लकड़ा ने जहां हैदराबाद में SHE टीमों को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वहीं BHAROSA केंद्र के जरिये बच्चों को यौन अपराधों से बचाने और बाल शोषण के मामलों को भी बढ़-चढ़कर उठाया है. ऐसे केस जब भी आते हैं तो कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं, जैसे- कोर्ट में जाना पड़ता है, पीड़ित का स्टेटमेंट रिकॉर्ड करना होता है, पीड़ित को अस्पताल ले जाना होता है. तो ऐसी स्थिति में पीड़ित की मानसिक अवस्था का भी ध्यान रखना होता है. ऐसी चीजें कम करने के लिये भरोसा सेंटर बनाया गया है.