दिल्ली

delhi

दिल्ली सरकार से वृद्धावस्था पेंशन की उम्र 60 साल से घटाकर 55 साल करने की मांग

By

Published : Mar 13, 2023, 3:45 PM IST

दिल्ली सरकार की तरफ से वृद्धावस्था पेंशन की उम्र सीमा 60 साल साल की है, ऐसे में बहुत से लाचार और असहाय लोग 50 साल के बाद कार्य करने में असमर्थ हो जाते हैं, इसी के मद्देनजर डॉ सुमन ने दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से आग्रह किया है ये उम्र सीमा घटाकर 55 साल की जाए.

dfd
fdfd

नई दिल्लीः फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बुढ़ापा पेंशन की उम्र 60 से घटाकर 55 वर्ष करने की मांग की है. उन्होंने बताया है कि कोरोना महामारी के समय से लाखों परिवारों की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है. बहुत से ऐसे परिवार हैं, जिनमें कोरोना काल में परिवार का आर्थिक खर्च उठाने वाले की मृत्यु हो गई है. उनके परिवार का आर्थिक बोझ उठाने वाला कोई नहीं बचा है. उन परिवारों की इस समय महंगाई के कारण हालत दयनीय है. ऐसे में सरकार को उनकी आर्थिक जिम्मेदारी लेते हुए बुढ़ापा पेंशन की उम्र 60 से घटाकर 55 वर्ष कर देनी चाहिए.

डॉ. हंसराज सुमन ने कोरोना काल में मारे गए लोगों का सर्वे भी कराने की मांग की है. सरकार के पास ये आंकड़े होने चाहिए कि ऐसे कितने परिवार हैं जिनका आर्थिक बोझ उठाने वाला कोई व्यक्ति नहीं बचा है. दिल्ली सरकार को ऐसे अभावग्रस्त लोगों के लिए पेंशन योजना के अलावा दुकान, स्टॉल या लघु उद्योग खोलने में भी सरकार को मदद करनी चाहिए. जिससे वे किसी पर आश्रित न रहें.

यह भी पढ़ेंः Road Accident in Delhi: रिठाला रोड पर ट्रक की चपेट में आकर स्कूटी सवार की मौत

फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से मांग की है कि दलित, पिछड़ा वर्ग, गरीब, मजदूर, किसान के अलावा दिल्ली में निवास करने वाली सर्वजातीय मूल अर्थात् दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों की 36 बिरादरी के परिवारों के लिए भी बुढ़ापा पेंशन की आयु सीमा 60 वर्ष से घटाकर 55 वर्ष की जानी चाहिए. उन्होंने बताया है कि यह इसलिए भी आवश्यक है कि कृषि भूमि पर आश्रित रहने वाला ग्रामीण दिल्ली के किसानों की भूमि का शहरी क्षेत्र के रूप में अधिग्रहण होने के कारण उनके जीवनयापन की कठीन समस्या आ गई है. इन ग्रामीण क्षेत्रों में लोग कुपोषण के कारण असमय वृद्धावस्था के शिकार होते जा रहे हैं. ये कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त भी हो जाते हैं.

डॉ. सुमन ने यह भी बताया है कि दिल्ली के 360 गांवों में से अधिकांश गांव शहरीकृत हो जाने से ज्यादातर किसान भूमिहीन हो गए हैं. उनके पास आमदनी का कोई भी जरिया नहीं रह गया है. ऐसे में दिल्ली सरकार को चाहिए कि ऐसे परिवारों में रहने वाले 55 वर्ष की उम्र के व्यक्तियों के लिए बुढ़ापा पेंशन योजना लागू कर उनको आर्थिक सहायता दिलाई जाए जिससे कि वे वृद्धावस्था में आर्थिक संकट में न रहें तथा दिल्ली की ग्राम पंचायतें भंग हो जाने के कारण ग्राम सभा की खाली पड़ी भूमि को आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों में वितरित की जाय चाहे वह किसी भी जाति से संबद्ध रखता हो.

यह भी पढ़ेंः Half kg chicken for five paisa: आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में पांच पैसे में आधा किलो चिकन का ऑफर, लोगों की लगी कतार

ABOUT THE AUTHOR

...view details