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Budget 2021: महिलाओं की मांग, नौकरी और सुरक्षा को लेकर पेश हो बजट - बजट को लेकर गृहणीयों की मांग

बजट सत्र की शुरुआत हो गई है और अब 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट 2021-22 पेश करेंगी. निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री के तौर पर अपना यह तीसरा बजट पेश करेंगी. ऐसे में सभी की निगाहें इस बजट पर हैं.

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महिलाओं की मांग, नौकरी और सुरक्षा को लेकर पेश हो बजट

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Published : Jan 31, 2021, 10:11 PM IST

नई दिल्लीःबजट सत्र की शुरुआत हो गई है और अब 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट 2021-22 पेश करेंगी. निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री के तौर पर अपना यह तीसरा बजट पेश करेंगी. ऐसे में सभी की निगाहें इस बजट पर हैं. क्योंकि मौजूदा समय में वैश्विक महामारी कोरोना के चलते हर एक वर्ग को खासा दिक्कतें आई है. खास तौर पर महिलाओं और गृहणियों के घर का बजट पूरी तरीके से हिल गया है. ऐसे में महिलाओं और गृहणियों की क्या कुछ इस बजट से उम्मीदें हैं, इसको लेकर ईटीवी भारत ने अलग-अलग महिलाओं और गृहणियों से बात की.

महिलाओं की मांग, नौकरी और सुरक्षा को लेकर पेश हो बजट

'घरेलू महिलाओं के लिए भी नौकरी के अवसर निकाले जाएं'

कालकाजी विधानसभा के गोविंदपुरी की रहने वाली रविंदर कौर ने कहा कि इस बार आम बजट में महिलाओं के लिए खास ध्यान दिया जाना चाहिए. क्योंकि महिलाएं न केवल घर की, बल्कि बाहर की भी जिम्मेदारी निभाती हैं. ऐसे में जो घरेलू महिलाएं हैं उनके लिए नौकरी के अवसर को लेकर भी बजट में घोषणा की जानी चाहिए. इस प्रकार से बजट में घोषणा हो, जिससे कि महिलाओं के लिए अधिक से अधिक नौकरियां निकले.

'सिलेंडर के दाम कर रहे हैं परेशान'

इसके साथ ही अन्य महिला सीमा मल्होत्रा ने कहा कि जहां एक तरफ प्रधानमंत्री की तरफ से उज्वला योजना चलाई जा रही है और महिलाओं को चूल्हा छोड़कर गैस सिलेंडर दिए जा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ सरकार लगातार सिलेंडर के दाम बढ़ा रही है. हर 2 महीने में 100 रुपये तक सिलेंडर के दाम बढ़ रहे हैं. 400 से लेकर अब सिलेंडर 700 रपये तक पहुंच गया है. ऐसे में इस महंगाई के दौर में ग्रहणीयों के लिए घर चलाना बेहद मुश्किल हो गया है.

'महंगाई पर लगे अंकुश, रोजमर्रा की चीजें लगातार हो रही है महंगी'

66 वर्षीय महिला शेफाली दास ने कहा की रोजाना रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ रहे हैं. दाल, चावल, सब्जी, फल, दूध आदि हर किसी के दामों में 2 से 3 गुना तक बढ़ोतरी हुई है. गरीब लोगों के लिए रोज का खाना जुटाना महंगा हो गया है. जो लोग किराए पर रहते हैं, उनके लिए अपना जीवन यापन करना बेहद कष्टदायक साबित हो रहा है.

साथ ही बुजुर्गों के लिए कोई सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके घर में उनके पति हैं. दोनों बुजुर्ग हैं ऐसे में सरकार की तरफ से पेंशन आदि की भी कोई सुविधा नहीं मिलती है. कई महीनों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही हैं, लेकिन पेंशन नहीं बन पाई है.

'महिला सुरक्षा पर बजट की अलग से हो घोषणा'

इसके साथ ही अन्य महिला नीतू सिंह ने कहा कि बजट में महिला सुरक्षा को लेकर भी अलग से घोषणा की जानी चाहिए. क्योंकि आज के समय में सरकार के तमाम दावों के बाद भी महिलाएं समाज में सुरक्षित नहीं है. बच्चियां घर से बाहर निकलती हैं, तो आए दिन उनके साथ छेड़ छाड़ जैसी घटनाएं होती रहती हैं.

उन्होंने कहा कि दूरदराज तो छोड़िए आसपास की सड़कों पर भी महिला और बच्चियां सुरक्षित नहीं है. कई सड़कों पर स्ट्रीट लाइट नहीं है. ऐसे में अंधेरे का फायदा उठाकर अपराधी अपराध को अंजाम देते हैं. इसीलिए बजट में महिला सुरक्षा को लेकर अलग से घोषणा होनी चाहिए.

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