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दिल्ली की बेटी ने की ऑफ रोडर ड्राइविंग, अपने नाम किया महिंद्रा स्पोर्ट्स का खिताब - महिंद्रा मोटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता की खबर

बेटियां किसी से नहीं हैं कम. ये साबित कर दिखाया है वसंतकुंज की रहने वाली सुहाना ने. महज 18 साल की उम्र में खतरनाक ऑफ रोड ड्राइविंग करना वाकई काबिले तारीफ है. राजस्थान में आयोजित महिंद्रा मोटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में पहली बार में ही विजेता बन के निकली है. इसके साथ ही बन गई है इंडिया की सबसे यंगेस्ट फीमेल ऑफ रोड ड्राइवर.

Delhi's daughter wins Mahindra Sports title by driving offroader
इंडिया की यंगेस्ट फीमेल ऑफ रोड ड्राइवर

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Published : Dec 23, 2020, 1:10 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली की एक बेटी ने एक बार फिर दिल्ली का नाम रोशन किया है. वसंत कुंज की रहने वाली 18 साल की सुहाना को महज 2 महीने पहले लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस मिला था. राजस्थान में आयोजित महिंद्रा मोटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में पहली बार में ही विजेता बन के निकली है. इसके साथ ही बन गई है इंडिया की सबसे यंगेस्ट फीमेल ऑफ रोड ड्राइवर.

इंडिया की यंगेस्ट फीमेल ऑफ रोड ड्राइवर

हवा से बात करती यह गाड़ी


हवा से बात करती यह गाड़ी रेगिस्तान में जितनी रफ्तार से दौड़ रही है, ऐसी रफ्तार सड़कों पर भी दिखाना काफी मुश्किल है. जी हां इस कार में सवार है दिल्ली की बेटी सुहाना. महज 18 साल की उम्र में उसने राजस्थान के बीकानेर में ऑफ रोडिंग की इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. उसके पास अभी लर्निंग लाइसेंस ही था और इस तरह की प्रतियोगिता का कोई भी अनुभव नहीं था.

इसके बावजूद सुहाना ने अपनी काबिलियत दिखा कर इस प्रतियोगिता पर अपना कब्जा जमा लिया. सुहाना ने इस प्रतियोगिता के लिए ना तो कोई तैयारी की थी और ना ही कोई अनुभव था.उसके पास था तो सिर्फ अपने पिता का विरासत, क्योंकि उसके पिता देश के जाने-माने ऑफ रोडर ड्राइवर है. सुहाना इस प्रतियोगिता को जीतने के बाद अब आने वाले दिनों में देश की बेस्ट महिला ऑफ रोडर ड्राइवर बनना चाहती है. वह अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहती है. सुहाना के हीरो उसके पिता हैं, जिनकी प्रेरणा के बदौलत वह आज कामयाबी की पहली सीढ़ी चढ़ पाई है.

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सुहाना पहली बार में ही बिना किसी अनुभव के इतनी मुश्किल इवेंट को जीत पाई है. इसके ड्राइविंग का हुनर इसे विरासत में मिला है. क्योंकि सुहाना के पिता विजेंदर सिंह देश के जाने-माने ऑफ रोडर ड्राइवर हैं. अपनी बेटी की कामयाबी पर सुहाना के पिता फूले नहीं समा रहे. उन्हें इस बात का बेहद गर्व है की उनके हुनर को उनकी बेटी आगे लेकर जा रही है. बिटिया की इस जीत अवसर पर माता-पिता ने सुहाना को फूलों की माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर उसे शाबाशी दी है.

सुहाना के मां का कहना है

बेटियों को इसी तरह आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए और रास्ते चाहे जितने भी खतरनाक हो इसकी फिक्र नहीं करना चाहिए.क्योंकि उसके अंदर अगर काबिलियत होगी तो खुद को साबित जरूर करके दिखाएगी.



बेटियों को बढ़-चढ़कर आगे बढ़ाना एक सकारात्मक संदेश

कई सारे स्पोर्ट्स की तरह ऑफ रोडिंग का यह खेल भी बेहद खतरनाक माना जाता है. ऐसे में बेटियों को बढ़-चढ़कर आगे बढ़ाना एक सकारात्मक संदेश है. साथ ही सुहाना के पिता विजेंदर सिंह ने सड़क पर स्टंट करने वाले लोगों से यह अपील किया, कि अगर किसी में इस तरह का हुनर है तो वह सड़कों पर इसका इस्तेमाल ना करें. ऐसा करने से वह अपनी जान के साथ साथ दूसरों के जान को भी जोखिम में डालते हैं. अगर अपना दम दिखाना है किसी को तो वह ऐसे स्पोर्ट्स में हिस्सा लेकर अपनी काबिलियत दिखा सकते हैं.



देश के लिए भी गौरव की बात

केवल 18 साल की उम्र में ऐसे खतरनाक इवेंट में हिस्सा लेकर, खुद को साबित करना यह सुहाना के माता-पिता ही नहीं देश के लिए भी गौरव की बात है. इससे यह साबित होता है कि देश की बेटियां किसी से भी कम नहीं हैं. मुश्किलें चाहे जितनी भी हो वह अपनी काबिलियत हर हाल में साबित करके दिखाती है.

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