नई दिल्ली: G20 शिखर सम्मेलन रविवार को समाप्त हो गया. इस तरह से बीते कई महीनों से दिल्ली में इस सम्मेलन की तैयारी को लेकर चल रही गतिविधियों पर भी विराम लग गया. दिल्ली को G20 शिखर सम्मेलन के लिए 'भारत मंडपम' के रूप में शानदार उपहार दे गया है. इसके अलावा सड़कें, पार्क, नई दिल्ली इलाके में तमाम गोलचक्कर आदि ऐसा मिला है, जिसे दिल्ली की जनता इस्तेमाल करेगी.
प्रगति मैदान के 123 एकड़ क्षेत्र में बने भारत मंडपम परिसर को भारत का सबसे बड़ा सम्मेलन और प्रदर्शनी स्थल के रूप में विकसित किया गया है. G20 सम्मेलन शुरू होने से ठीक दो दिन पहले मंडपम के बाहर अष्टधातु से बनी नटराज की मूर्ति स्थापित की गई. यह 27 फीट ऊंची और 18 टन वजनी है. भारत मंडपम एक लाख वर्ग मीटर का एक प्रदर्शनी स्थल है. दो लाख वर्ग मीटर का एक सम्मेलन क्षेत्र और 3000 लोगों के लिए एक ऑडिटोरियम है. 500 लोगों के लिए एक सेमिनार हॉल, 100 लोगों के लिए कई कार्यशाला हॉल, एक प्रदर्शनी हॉल और कई अन्य सुविधाएं शामिल है.
G20 जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजन के चलते दिल्ली खूबसूरत बना दिया है. इसकी वजह से अलग-अलग विभाग के बीच बेहतर तालमेल भी देखने को मिला. साथ ही इन विभागों को इस तरह के बड़े इवेंट करने का भी अनुभव हासिल हुआ है. यह बात उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के साथ हुई मीटिंग के दौरान तमाम विभाग के प्रमुखों ने भी कही है. इस आयोजन के चलते दिल्ली में दिल्ली में हुए इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्यों के अलावा एक ऐसा कन्वेंशन सेंटर दिल्ली को मिला है, जो दशकों तक अलग-अलग आयोजन में इस्तेमाल होगा. मध्य दिल्ली में एक ऐसी टनल दिल्लीवालों को मिली है जो पूर्वी दिल्ली, मध्य दिल्ली और नई दिल्ली को कनेक्ट कर लोगों का समय बचाएगी.
दिल्ली की सड़कों का हुआ सौंदर्यीकरण पूर्व के आयोजन के दौरान हुए विकास कार्यः बता दें कि वर्ष 1956 में नई दिल्ली में यूनेस्को सम्मेलन हुआ था. उसमें भी आने वाले विदेशी मेहमानों के ठहरने के लिए अशोक होटल बना था. सम्मेलन का आयोजन विज्ञान भवन में हुआ था. यह भी तभी का बना हुआ है. आज विज्ञान भवन बड़े सरकारी कार्यक्रमों के लिए उपयोग किया जाता है. अशोक होटल बनने से पहले उस इलाके में जंगल हुआ करती थी. इसके बाद वर्ष 1983 में एशियन गेम्स के दौरान दिल्ली में काफी विकास कार्य हुए. 23 से 29 नवंबर 1983 के दौरान आयोजित इस गेम में 42 देशों के प्रमुख आए थे. उसे दौरान सर्वाधिक विकास कार्य पूर्वी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली इलाके में हुआ था. G20 सम्मेलन से पहले वर्ष 2010 में राष्ट्रमंडल खेल की तैयारियों के चलते दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्य हुए थे.
दिल्ली बीते दिनों ऐतिहासिक जी20 समिट की गवाह बनी. G20 सम्मेलन में साबित कर दिया है कि दिल्ली और बड़े आयोजनों के लिए तैयार है. विभागों के बीच कैसे बेहतर तालमेल हो सकता है, यह भी देखने को मिला. इस बार G-20 में तकनीक का काफी अच्छा इस्तेमाल किया गया. - एके जैन, रिटायर्ड प्लानिंग कमिश्नर
दिल्ली में एशियन गेम्स और राष्ट्रमंडल खेल के बाद अब G20 सम्मेलन के रूप में एक ऐसा आयोजन हुआ है, जिसे दुनिया के नक्शे पर भारत के साथ-साथ दिल्ली को भी एक नई पहचान मिली है. इससे दिल्ली में न केवल टूरिज्म बढ़ेगा बल्कि भारत मंडपम समेत इस सम्मेलन के लिए किए गए विकास कार्य इंफ्रास्ट्रक्चर का भी सालों तक फायदा मिलेगा. - ओमेश सहगल, पूर्व मुख्य सचिव दिल्ली सरकार
भारत मंडपम के सामने स्थापित नटराज की मूर्ति G-20 के मद्देनजर हुए विकास कार्य, जिनका अब दिल्ली की जनता को मिलेगा लाभ
- इंटीग्रेटेड कॉरिडोर पुराना लाल किला से रिंग रोड को कनेक्ट करेगाःमध्य दिल्ली में ट्रैफिक जाम की समस्या को देखते हुए इस परियोजना पर सालों से विचार हो रहा था. यह अब जाकर साकार हुआ. मुख्य टनल की लंबाई 1596 मीटर है और चार ब्रांच के लिए 626 मीटर अतिरिक्त टनल बनाई गई है. यह टनल लाल किला से रिंग रोड समेत अन्य एरिया को कनेक्ट करेगी. यह टनल पुराना किला, रिंग रोड और मथुरा रोड से आने वाली ट्रैफिक के लिए प्रगति मैदान पार्किंग की एक्सेस उपलब्ध कराती है. इसमें छह अंडरपास बनाए गए हैं, जिनसे यातायात का आवागमन आसान हो सकेगा.
- प्रमुख मार्केट का सौंदर्यीकरणःएमसीडी द्वारा महत्वपूर्ण मार्केट जैसे साउथ एक्सटेंशन पार्ट-1 और 2, लाजपत नगर, पीवीआर अनुपम सिनेमा मार्केट, साकेत को बेहतर बुनियादी ढांचे, साइनेज, कलाकृतियों के साथ सजाया गया है. इन बाजारों के फर्श पर ग्रेनाइट, सीसी टाइल्स और रेड सैंड स्टोन का इस्तेमाल कर नया रूप दिया गया है. साथ ही शानदार एलइडी लाइट्स, प्लांटस, फब्बारे के साथ इनका सौन्दर्यकरण किया गया है.
- चार मीनार पार्क:महिपालपुर में रेडीसन होटल के सामने एक राउंड अबाउट (जिसे चार मीनार पार्क के नाम से जाना जाता है) और छह स्थानों को म्यूजिक आर्टिफेक्ट्स, हॉर्टिकल्चर और मूर्तियाँ लगाकर सजाया गया है. साथ ही पूरी एरिया को एलइडी लाइट्स से जगमगाया गया है. फ्लाईओवर के नीचे सेंट्रल वर्ज को भी बेहतर बनाया गया है.
- G-20 पार्क:जीके-2 के एम-ब्लॉक मार्केट में जी-20 पार्क बनाया गया है. यहां पार्क को बेहतर ढंग से सजाया गया है और जी-20 की भी शानदार ब्रांडिंग की गई है.
- टाउन हॉल को मिला नया रूप:टाउन हॉल (पुराना एमसीडी मुख्यालय) को नया रूप दिया गया है. टाउन हॉल और उसके आसपास के क्षेत्र को पेंटिंग द्वारा बेहतर बनाया गया है. इसके आसपास सार्वजनिक शौचालय में सुधार किया गया और लाइट्स लगाई गई है.
- प्रगति मैदान के आसपास की तैयारियां:राजघाट, दिल्ली गेट, बहादुर शाह जफर मार्ग, आईपी एस्टेट, आईटीपीओ के आसपास के पूरे क्षेत्र को प्राचीन भारतीय की कला को दर्शाने वाली कलाकृतियों से सजाया गया है और नया रूप दिया गया है.
- शहीदी पार्क:दिल्ली गेट के पास बहादुर शाह जफर मार्ग पर शहीदी पार्क को बनाया गया है. यह पार्क उन सभी शहीदों को समर्पित किया गया है, जिन्होंने अलग-अलग समय में देश के लिए योगदान दिया है. पार्क को 250 मीट्रिक टन स्क्रैप कचरे का उपयोग करके विभिन्न 2डी और 3डी मूर्तिकला का निर्माण करके और उनके योगदान की जानकारी प्रदर्शित करके विकसित किया गया है.
- जनता की सुविधा के लिए सुप्रीम कोर्ट, राजघाट, दिल्ली गेट, बहादुर शाह जफर मार्ग, निजामुद्दीन, हुमायूं मकबरा क्षेत्र के आसपास आठ शौचालय ब्लॉकों का नवीनीकरण किया गया है.
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