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आज मिलेगा दिल्ली को अपना पहला मेयर, 11 बजे शपथ ग्रहण के बाद होगा चुनाव - दिल्ली नगर निगम

परिसीमन के बाद नए स्वरूप में सामने आई दिल्ली की एकीकृत एमसीडी में शुक्रवार सुबह 11:00 बजे नवनिर्वाचित पार्षदों के शपथ ग्रहण के कार्यक्रम की शुरुआत होगी, जहां उपराज्यपाल द्वारा पीठासीन अधिकारी के तौर पर नॉमिनेट की गई पार्षद सत्या शर्मा द्वारा सभी पार्षदों को शपथ दिलाई जाएगी. इसके बाद मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू (Election will be held after taking oath) होगी. प्रक्रिया समाप्त होने के साथ ही दिल्ली को उसका पहला मेयर मिल (Delhi will get its first mayor) जाएगा, जो आज से ही आधिकारिक तौर पर अपना पदभार संभाल सकेंगे.

Election will be held after taking oath
Election will be held after taking oath

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Published : Jan 6, 2023, 8:32 AM IST

नई दिल्ली:परिसीमन के बाद नए स्वरूप में सामने आई दिल्ली एमसीडी (Delhi Municipal Corporation) में आज 6 जनवरी का दिन बेहद महत्वपूर्ण है. आज मेयर, डिप्टी मेयर पद के साथ स्टैंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों के लिए चुनाव होने हैं. लंबे इंतजार के बाद आज आखिरकार दिल्ली को एकीकृत हुई एमसीडी का पहला मेयर मिल (Delhi will get its first mayor) जाएगा, जिसके बाद एमसीडी की प्रशासनिक गतिविधियां तेज होंगी और दिल्ली के विकास का काम भी आगे बढ़ेगा.

कैसे होगा मेयर का चुनाव:दिल्ली एमसीडी (Delhi Municipal Corporation) में नवनिर्वाचित पार्षदों के शपथ ग्रहण संबंधी कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियां गुरुवार को ही पूरी कर ली गई थी, जिसके बाद आज सुबह तकरीबन 11:00 बजे सभी चुनकर आए नए पार्षदों के शपथ ग्रहण का कार्यक्रम शुरू होगा. जहां सबसे पहले पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा को नई दिल्ली जिला के दंडाधिकारी संतोष कुमार राय द्वारा शपथ दिलाई जाएगी. इसके पश्चात सत्या शर्मा के द्वारा एक-एक करके सभी नवनिर्वाचित पार्षदों को शपथ दिलाई जाएगी. इसके बाद सत्या शर्मा ही मेयर का चुनाव कराएंगी. यदि आवश्यकता हुई तो इसके लिए मतदान भी उन्हीं की अध्यक्षता में कराया जाएगा. मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के मद्देनजर सभी तैयारियां की जा चुकी हैं. मेयर पद के लिए सफेद रंग के बैलट पेपर और डिप्टी मेयर के लिए हरे रंग के बैलेट पेपर पर सभी पार्षद अपना मतदान कर इसी क्रम में सफेद और हरे रंग की मत पेटी में अपना वोट डालेंगे. इसके बाद बकायदा वोटों की गिनती होगी और बहुमत के आधार पर हार-जीत का फैसला किया जाएगा.

हालांकि परंपरा के अनुसार उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) के नए सदन में मेयर के चुनाव के लिए किसी वरिष्ठ निगम पार्षद को पीठासीन अधिकारी बनाया जाता है. ऐसे में आप के पार्षद मुकेश गोयल का पिटासीन अधिकारी बनना तय माना जा रहा था. क्योंकि वह 1997 से लगातार पार्षद का चुनाव जीते आ रहे हैं. लेकिन उपराज्यपाल द्वारा दो बार से पार्षद सत्या शर्मा को इस बार पीठासीन अधिकारी के तौर पर नॉमिनेट किया गया है, जिसको लेकर हंगामा होना तय माना जा रहा है.

इस बीच जो जानकारी निकलकर सामने आ रही है. उसके अनुसार कांग्रेस के पार्षद शपथ ग्रहण के बाद मेयर डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमिटी के चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे. इसकी पुष्टि खुद कांग्रेस ने प्रेस रिलीज जारी कर दी है. कांग्रेस के स्टैंडिंग कमेटी के चुनावों में हिस्सा न लेने से बीजेपी को फायदा होते हुए नजर आ रहा है.

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क्या कुछ कहते हैं आंकड़े:मेयर डिप्टी मेयर के एमसीडी में होने वाले चुनावों में 250 पार्षदों के साथ 7 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सांसद और 14 दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष द्वारा नॉमिनेट किए गए विधायक वोट करेंगे. कुल 274 लोगों के द्वारा मतदान किया जाएगा, जिसमें आम आदमी पार्टी के पास 134 पार्षद हैं. बीजेपी के पास 105 पार्षद हैं, दो निर्दलीय पार्षद हैं, जबकि 9 पार्षद कांग्रेस के हैं जो इन चुनावों में हिस्सा नहीं लेगी. आम आदमी पार्टी का कुल आंकड़ा 150 वोट है, बीजेपी के पास कुल 113 वोट है, दो निर्दलीय पार्षद हैं, अगर वह भी बीजेपी को वोट करते हैं. इसके बाद भी बीजेपी को जीत मिलती नजर नहीं आ रही है. सिर्फ क्रॉस वोटिंग ही ऐसा इकलौता माध्यम है, जिसके चलते बीजेपी को जीत मिल सकती है. क्योंकि क्रॉस वोटिंग एमसीडी के अंदर प्रतिबंधित नहीं है और कोई भी पार्षद किसी को भी वोट कर सकता है. साथ ही दलबदल पर भी कोई पाबंदी नहीं है ऐसे में चुनाव बेहद रोचक हो सकते हैं.

मेयर और डिप्टी मेयर के बाद स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों के लिए चुनाव होने हैं. एक सदस्य को 37 लोगों के समर्थन की आवश्यकता होती है. आम आदमी पार्टी के पास तीन लोगों के लिए पर्याप्त बहुमत है और बीजेपी के पास दो लोगों के लिए पर्याप्त बहुमत है. छठे सदस्य के ऊपर आम आदमी पार्टी के पास जहां 14 वोट कम है वहीं बीजेपी के पास 6 वोट कम है. कांग्रेस के द्वारा मतदान की प्रक्रिया में हिस्सा न लेने के चलते इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा और उसके तीनों उम्मीदवारों के स्टैंडिंग कमेटी के लिए चुने जाने की पूरी संभावना है.

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