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दिल्ली के मौसम में हो रहा बदलाव, इस बार जल्दी होगी गर्मियों की शुरुआत

इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (INDIA METEOROLOGICAL DEPARTMENT) के अनुसार दिल्ली के तापमान में लगातार सुधार से लोगों को ठंड से राहत मिली है.

Delhi weather update today
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Published : Feb 18, 2022, 9:52 AM IST

नई दिल्ली:देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से लगातार तापमान बेहतर है और दिल्लीवासियों को ठंड से राहत मिली है. इस बीच राजधानी दिल्ली के मौसम में भी बदलाव हुआ है. एक तरह से कहा जाए तो राजधानी दिल्ली में गर्मियों की शुरुआत धीरे-धीरे अब हो रही है. इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक आज सुबह राजधानी दिल्ली का मिनिमम तापमान 8:30 बजे सफ़दरजंग के क्षेत्र में 9.7, पालम 12.7, लोधी रोड 9.6 और रिज 11.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जो बीते दिन के मुकाबले बेहतर है. वहीं आज दिल्ली का अधिकतम तापमान 27.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है.

इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (INDIA METEOROLOGICAL DEPARTMENT) द्वारा दिल्ली में मौसम में बदलाव को लेकर जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार इस बार दिल्ली के अंदर गर्मियों के मौसम की शुरुआत जल्द होगी. जिसे लेकर दिल्ली में बीते कुछ दिनों से लगातार मौसम में बदलाव भी दर्ज किया जा रहा है. आम तौर पर दिल्ली में गर्मियों के मौसम की शुरुआत मार्च के महीने से होती है. लेकिन इस बार फरवरी के महीने में ही गर्मियों की शुरुआत होती नजर आ रही है.

कैसे पता करते हैं तापमान

मौसम तथा उससे निर्धारित होने वाली जलवायु के लिए कुछ मूल तत्व हैं, जिनमें तापमान आर्द्रता, वायु का दबाव या वायुभार, पवन तथा उसके बहाव की दिशा, बादल, वर्षा आदि प्रमुख हैं. किसी क्षेत्र के लिए मौसम की जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से वैज्ञानिकों ने कई प्रकार के यंत्रों को बनाया है. जिसकी सहायता से केवल मौसम की जानकारी ही नहीं मिलती है बल्कि मौसम का पूर्वानुमान भी लगाया जता है.

किसी भी मौसम के लिए तापमान सबसे महत्वपूर्ण अवयव है. वातावरण में ताप की स्थिति को मापने वाले यंत्र को तापमापी या थर्मामीटर कहते हैं. तापमापी यंत्र का निर्माण इस मौलिक सिद्धांत के अनुसार किया गया है कि विभिन्न पदार्थों पर तापमान के परिवर्तन की भिन्न प्रक्रिया होती है. तापमापी की नली में जिस पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है, वह पारा होता है. शीशे की नली में रखा हुआ यह पदार्थ गर्म होने पर तेजी से फैलता है और ऊपर की ओर चढ़ता है. इसके विपरीत ठंडक होने पर अधिक सिकुड़ता है. इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप कांच की नली में यह द्रव ताप अधिक होने पर ऊंचा उठकर अधिक तापमान की सूचना देता है. ताप कम होने पर यह द्रव सिकुड़ता है और नीचे की ओर उतरकर कम तापमान का संकेत देता है. द्रव की इस नली पर अंशों में (डिग्री) अंक बने रहते हैं, जिन्हें पढ़कर तापमान का पता चलता है.

मुख्यतः तापमान को ‘सेल्सियस’ या ‘फारेनहाइट’ के अंशों (डिग्री) में अभिव्यक्त किया जाता है. भारत में दशमलव प्रणाली के अनुसार बने सेल्सियस तापमापी का उपयोग अधिक किया जाता है. तापमान में पानी जमने (हिमांक) तथा पानी उबलने (क्वथनांक) की स्थिति को विशेष महत्व दिया जाता है. सेल्सियस के अनुसार, सागर तल पर बर्फ या हिमबिंदु को 0 डिग्री (शून्य अंश) तथा पानी उबलने की स्थिति को 100 डिग्री (एक सौ अंश) की मान्यता दी गई है, जबकि मनुष्य के शरीर का सामान्य तापमान 37 डिग्री से 0 डिग्री माना जाता है.

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