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दिल्ली Vs केंद्र: 'क्या मोदी जी की मर्जी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट निर्णय नहीं देता?' - Supreme court

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार बनाम केंद्र के अधिकारों और उप-राज्यपाल की लड़ाई पर आखिरकार रुख साफ होता नजर आया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले में न तो दिल्ली की सरकार की जीत नजर आई और न केंद्र की. यानी कुल मिलाकर इस फैसले में केवल कुछ विभागों का स्पष्टीकरण दिखा.

दिल्ली Vs केंद्र

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Published : Feb 14, 2019, 1:47 PM IST

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ज्वॉइंट सेक्रेट्री और उससे ऊपर के सभी अफसरों पर उप-राज्यपाल ही फैसला लेंगे, जबकि जो नीचे के अधिकारी हैं वो दिल्ली सरकार के अधीन आएंगे. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी केंद्र सरकार के अधीन ही काम करेगी. इसके अलावा जमीन, पुलिस और लॉ एंड ऑर्डर केंद्र सरकार के पास ही रहेंगे.

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ट्वीट करते हुए लिखा कि, क्या सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सारी गरिमा समाप्त कर दी है? "न्याय में विलंब न्याय नहीं है" जज को जनता भगवान मानती है लेकिन भगवान भी इंसाफ करने में विफल है.


इसके बाद एक संजय सिंह ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा- क्या मोदी जी की मर्जी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट निर्णय नहीं देता? राफेल में खुला भ्रष्टाचार हुआ केंद्र सरकार ने SC में झूठ बोला पर SC खामोश ? CBI पर SC ने निर्णय दिया या मजाक किया? दिल्ली की करोड़ों जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया सुप्रीम कोर्ट है या नायब तहसीलदार कोर्ट?

बता दें कि इस फैसले के बाद आप पार्टी ने भी चुटकी लेते हुए एक वीडियो पोस्ट की है, जिसपर लिखा है तारीख पर तारीख...

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