नई दिल्ली:दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों में मनी लांड्रिंग के मामले में आरोपी ताहिर हुसैन को फरीदाबाद में एक प्लाट खरीदने के लिए अपनी पत्नी के पक्ष में जनरल पावर ऑफ अटार्नी पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दे दी है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने सोमवार को ये आदेश दिया. पहले की सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की अर्जी का जवाब नहीं देने और किसी के उपस्थित नहीं होने पर कोर्ट ने ईडी को कड़ी फटकार लगाते हुए स्पेशल डायरेक्टर को तलब किया था. उसके बाद 8 दिसंबर को ईडी के स्पेशल डायरेक्टर की ओर से कहा गया कि आगे मामले की पैरवी करने में ईडी की ओर से कोई कोताही नहीं बरती जाएगी.
प्लाट को जब्त नहीं करने का आदेश:सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से पेश वकील नवीन मल्होत्रा और शिवांगी शर्मा ने कहा कि आरोपी को फरीदाबाद के सेक्टर 56ए में 296 वर्ग मीटर का एक प्लाट हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) ने आवंटित किया है. इस प्लाट को खरीदने के लिए आरोपी अपनी पत्नी को जनरल पावन ऑफ अटार्नी देना चाहता है ताकि वो हुडा में जाकर इस प्लाट से संबंधित काम कर सके. उन्होंने कहा कि इस प्लाट को जब्त का आदेश भी नहीं दिया गया है.
ताहिर हुसैन की याचिका का ईडी की ओर से पेश वकील एनके माटा ने विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में आरोपी ने मनी लाउंड्रिंग का उपयोग कर इस प्लॉट को लिया होगा और ईडी की ओर से इसे जब्त करना चाहिए. कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि ताहिर हुसैन की याचिका केवल जनरल पावर ऑफ अटार्नी पर हस्ताक्षर करने की अनुमति मांगी है और वो संपत्ति ईडी की ओर से जब्त भी नहीं की गई है.