नई दिल्लीः रजाधानी दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के एक आरोपी की छठी जमानत याचिका खारिज कर दिया है. एडिशनल सेशंस जज विनोद यादव ने कहा कि आरोपी की जमानत याचिका पहले भी इस आधार पर खारिज की जा चुकी है कि आरोपी के पास से एक आटोमेटिक पिस्तौल और दो जिंदा कारतूस बरामद किए गए थे.
बराबरी के आधार पर जमानत की मांग
मोहम्मद अंसार की ओर से पेश वकील नासिर अली ने कोर्ट से कहा कि बराबरी के आधार पर उसे भी जमानत दी जानी चाहिए, क्योंकि इस मामले के बाकी दो आरोपियों इलियास और फैजान को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है. दो आरोपियों की जमानत मिलने के बाद कड़कड़डूमा कोर्ट ने तेरह आरोपियों को जमानत दी. उन्होंने कहा कि इस मामले में आरोपी की भूमिका वही थी जो बाकी आरोपियों की थी.
कोर्ट ने बराबरी की दलील को खारिज किया
कोर्ट ने आरोपी की इस दलील को खारिज कर दिया कि मामले के बाकी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी की भूमिका उन आरोपियों से अलग है जिन्हें जमानत मिल चुकी है. मोहम्मद अंसार की पिछले साल तीन बार जमानत याचिकाएं खारिज की जा चुकी हैं. पिछले 4 मार्च को भी कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज की थी. आरोपी की जमानत याचिका पिछले 6 अप्रैल को हाईकोर्ट ने भी खारिज की थी.
मोहम्मद अंसार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित प्रसाद ने कहा कि आरोपी की जमानत याचिका कोर्ट पहले भी खारिज कर चुका है. उन्होंने कहा कि आरोपी को बाकी सह-आरोपियों को मिली जमानत के आधार पर जमानत मिलने का अधिकार नहीं है, क्योंकि अपराध में उसकी भूमिका बाकी आरोपियों से अलग थी.
पिस्तौल और जिंदा कारतूस बरामद किए गए थे
कोर्ट ने कहा कि मोहम्मद अंसार की जमानत याचिका खारिज करते समय पिछले 4 मार्च को कोर्ट ने इस बात पर गौर किया था कि सीसीटीवी फुटेज में आरोपी को शिव विहार तिराहे पर साफ-साफ देखा जा सकता है. आरोपी के पास से एक आटोमेटिक पिस्तौल और दो जिंदा कारतूस बरामद किए गए थे. उस पिस्तौल का दंगे के दौरान इस्तेमाल किया गया था. आरोपी की पहचान डीआरपी स्कूल के गार्ड रुप सिंह ने भी की थी.