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दिल्ली के विकासपुरी के बापरोला गांव में 36 बिरादरियों की पंचायत, योग्य उम्मीदवार को टिकट देने की मांग

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Published : Nov 11, 2022, 2:34 PM IST

Updated : Nov 11, 2022, 4:40 PM IST

पश्चिमी दिल्ली के विकासपुरी विधानसभा के अंतर्गत (People of Baprola village protest) बापरोला गांव में 36 बिरादरी के बुजुर्गों, युवाओं और लोगों ने मिलकर पंचायत किया. गांव के लोग दूसरे इलाके के उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने को लेकर बीजेपी के खिलाफ विरोध कर रहे हैं.

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नई दिल्ली: एमसीडी चुनाव को लेकर नामांकन दाखिल करने में केवल तीन दिन और रह गए हैं. इस बीच सभी पार्टी के संभावित प्रत्याशी अपनी-अपनी दावेदारी को मजबूत करने में लगे हुए है. अभी तक बीजेपी, आप और कांग्रेस, किसी भी पार्टी ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. वहीं दूसरी तरफ संभावित उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने को लेकर अभी से विरोध शुरू हो गया है. ऐसा ही एक मामला पश्चिमी दिल्ली के विकासपुरी विधानसभा के अंतर्गत आने वाले बापरोला वार्ड से सामने आया है.

बापरोला गांव में 36 बिरादरी के बुजुर्गों, युवाओं और लोगों ने मिलकर (People of Baprola village protest) पंचायत किया. गांव के आरडब्ल्यूए के प्रधान श्रीनिवास ने कहा कि हम लोगों को जानकारी मिली है कि दूसरे वार्ड के नेता पंकज सिंह को बीजेपी बापरोला से उम्मीदवार बना रही है. जबकि हमारे वार्ड में गांव के कई योग्य बीजेपी नेता हैं, जो दमखम रखते हैं और उन्हें मौका भी दिया जाना चाहिए.

बापरोला गांव में 36 बिरादरी की पंचायत
बापरोला गांव में 36 बिरादरी की पंचायत
गांव वासी बलवंत सिंह का भी कहना हा कि यदि बीजेपी ने बाहर के कैंडिडेट को इस वार्ड में उतारा तो हम लोग उसका विरोध करेंगे. यहां के बीजेपी के कार्यकर्ता दूसरे वार्ड में जाकर काम करेंगे. हमारे गांव में जब बीजेपी के युवा, योग्य और कर्मठ कार्यकर्ता मौजूद हैं तो फिर दूसरे वार्ड के नेता को यहां से क्यों मैदान में उतारा जा रहा है.

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लोगों का कहना है कि बाहरी वार्ड के प्रत्याशी उस वार्ड की समस्याओं और परेशानियों को ना तो जानते हैं, और ना समझेंगे. वहीं अगर स्थानीय प्रतिनिधि होगा तो वह क्षेत्र की समस्याओं से भली-भांति अवगत होगा और उसे दूर करते हुए इलाके के विकास कार्यों को आगे बढ़ायेगा. इसलिए उन्हें एमसीडी चुनाव के उनके बीच से ही चुना गया प्रत्याशी चाहिए. अगर यहाँ क्षेत्र का नेतृत्व करने वाले कार्यकर्ता या नेता नहीं होते, तो बाहरी प्रत्याशी की बात समझ मे आती है, लेकिन जब योग्य और कर्मठ नेता-कार्यकर्ता उनके बीच हैं तो वो बाहरी किसी भी प्रत्याशी का समर्थन क्यों करें.

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Last Updated : Nov 11, 2022, 4:40 PM IST

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