नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र अब दो डिग्री प्रोगाम की पढ़ाई एक साथ कर सकेंगे. उन्हें इनमें एक कोर्स की पढ़ाई रेग्यूलर और दूसरे की पढ़ाई ओपन लर्निंग (ऑनलाइन) माध्यम से करनी होगी. हालांकि, उनके मुख्य विषय का अलग अलग होना अनिवार्य होगा. दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद (एसी) की 1016वीं बैठक में यह फैसला लिया गया. इस प्रस्ताव को आगामी कार्यकारी परिषद की बैठक में पास होने के बाद अगले साल से लागू कर दिया जाएगा.
इसके अलावा कोरोना काल में जिन छात्रों का सेमेस्टर बीच में छूट गया था, उन्हें उसे पूरा करने का भी मौका दिया जाएगा. इससे संबंधित प्रस्ताव भी बैठक में पास हुआ है. वहीं विदेशों में जाकर पढ़ाई करने (ट्विन डिग्री) के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए उसे आगे बढ़ा दिया गया है. कुलपति ने बैठक की शुरुआत में विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की. साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय में हुई नियुक्तियों और प्रमोशन का भी विस्तार से ब्योरा दिया. बैठक के दौरान एजेंडे पर चर्चा से पहले जीरो आवर रखा गया, जिसमें परिषद के सदस्यों ने अनेकों मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की और अपने-अपने विचार एवं सुझाव प्रस्तुत किए.
डीयू में इस साल हुए दाखिलों का ब्यौरा:कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने वर्तमान शैक्षणिक सत्र में हुए दाखिलों पर भी विस्तार से बताया कि, इस वर्ष स्नातक पाठ्यक्रमों (यूजी) में कुल 68,583 दाखिले हुए हैं. इनके अलावा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 11,196 और पीएचडी में 784 दाखिले हुए हैं. उन्होंने बताया कि 98 अनाथ विद्यार्थियों को विशेष आरक्षण योजना के तहत पूर्ण फीस माफी के साथ दाखिला दिया गया है. साथ ही वित्तीय वर्ष 2022-2023 में फाइनेन्शियल सपोर्ट सिस्टम के तहत 1009 विद्यार्थियों को कुल 1,00,61,057 रुपए की राशि वितरित की गई है. बैठक की शुरुआत में डीयू कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता ने 1015वीं बैठक में लिए गए निर्णयों पर कार्रवाई रिपोर्ट को अकादमिक परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया.