नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय में दिल्ली सरकार के द्वारा 100 फीसदी वित्त पोषित कॉलेज में फंड को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के नेतृत्व में शिक्षकों ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर 'अधिकार रैली' निकाली. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ नारेबाजी की.
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सरकार कॉलेजों को अलग करने का कोशिश कर रही है
वहीं इस पूरे प्रदर्शन को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के अध्यक्ष प्रोफेसर राजीव रे ने कहा कि दिल्ली सरकार सौ फीसदी वित्त पोषित कॉलेजों का समय पर फंड जारी नहीं कर रही है जिसकी वजह से शिक्षकों और कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि सरकार जिस तरीके से अनियमितता का आरोप लगा रही है वह पूरी तरीके से गलत है.
साथ ही कहा कि दिल्ली सरकार इन 12 कॉलेजों को दिल्ली विश्वविद्यालय से अलग करने का प्रयत्न कर रही है. लेकिन शिक्षक सरकार के मंसूबे पर कामयाब नहीं होने देंगे.
वहीं एनडीटीएफ के अध्यक्ष प्रोफेसर एके भागी ने कहा कि दिल्ली सरकार 12 सौ फीसदी वित्त पोषित कॉलेजों का समय-समय पर अलग-अलग बहाना बनाकर फंड रोक देती है. उन्होंने कहा कि सरकार की इस नीति की वजह से शिक्षकों और कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
साथ ही कहा कि फंड समय से नहीं जारी करने की वजह से इन 12 कॉलेजों का विकास कार्य ठप पड़ गया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने जिस तरीके से कॉलेज ऑफ आर्ट को दिल्ली विश्वविद्यालय से अलग कर अंबेडकर विश्वविद्यालय से जोड़ दिया है.