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फंड को लेकर सड़कों पर डीयू के शिक्षक, कहा- कॉलेजों को डीयू से अलग करना चाहती है सरकार

दिल्ली विश्वविद्यालय में दिल्ली सरकार के द्वारा 100 फीसदी वित्त पोषित कॉलेज में फंड को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के नेतृत्व में शिक्षकों ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर 'अधिकार रैली' निकाली.

डूटा का विरोध प्रदर्शन
डूटा का विरोध प्रदर्शन

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Published : Mar 15, 2021, 8:46 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय में दिल्ली सरकार के द्वारा 100 फीसदी वित्त पोषित कॉलेज में फंड को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के नेतृत्व में शिक्षकों ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर 'अधिकार रैली' निकाली. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ नारेबाजी की.

डूटा का विरोध प्रदर्शन, देखें वीडियो

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सरकार कॉलेजों को अलग करने का कोशिश कर रही है
वहीं इस पूरे प्रदर्शन को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के अध्यक्ष प्रोफेसर राजीव रे ने कहा कि दिल्ली सरकार सौ फीसदी वित्त पोषित कॉलेजों का समय पर फंड जारी नहीं कर रही है जिसकी वजह से शिक्षकों और कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि सरकार जिस तरीके से अनियमितता का आरोप लगा रही है वह पूरी तरीके से गलत है.

साथ ही कहा कि दिल्ली सरकार इन 12 कॉलेजों को दिल्ली विश्वविद्यालय से अलग करने का प्रयत्न कर रही है. लेकिन शिक्षक सरकार के मंसूबे पर कामयाब नहीं होने देंगे.

वहीं एनडीटीएफ के अध्यक्ष प्रोफेसर एके भागी ने कहा कि दिल्ली सरकार 12 सौ फीसदी वित्त पोषित कॉलेजों का समय-समय पर अलग-अलग बहाना बनाकर फंड रोक देती है. उन्होंने कहा कि सरकार की इस नीति की वजह से शिक्षकों और कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

साथ ही कहा कि फंड समय से नहीं जारी करने की वजह से इन 12 कॉलेजों का विकास कार्य ठप पड़ गया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने जिस तरीके से कॉलेज ऑफ आर्ट को दिल्ली विश्वविद्यालय से अलग कर अंबेडकर विश्वविद्यालय से जोड़ दिया है.

उसी तरह से वह इन 12 कॉलेजों को भी वह राज्य विश्वविद्यालय से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. प्रोफ़ेसर भागी ने कहा कि दिल्ली सरकार के इस कदम से छात्रों को काफी नुकसान होगा क्योंकि कॉलेजों की फीस बढ़ जाएगी.

छात्र आसानी से फिर इन कॉलेजों में एडमिशन नहीं ले पाएंगे क्योंकि दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में हर तबके और हर राज्य के छात्र पढ़ने के लिए आते हैं. साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सरकार नए कॉलेज खोलना चाहती है तो वह खोलें पर जो कॉलेज है पहले से सुचारू रूप से चल रहे हैं उन्हें वह क्यों तहस-नहस करना चाहती है.

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दिल्ली सरकार ने शिक्षकों को सड़क पर उतरने के लिए किया मजबूर
वहीं इस पूरे मामले को लेकर डूटा के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर आदित्य नारायण मिश्र ने कहा कि दिल्ली सरकार के द्वारा समय पर फंड नहीं जारी करने की वजह से शिक्षक सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने के लिए मजबूर हुए हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार कॉलेजों में वित्तीय अनियमितता झूठा आरोप लगा रही है. वहीं प्रोफेसर आदित्य नारायण मिश्र ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सरकार का मकसद इतना ही अच्छा है तो अपने वादे के मुताबिक 20 कॉलेज नए कॉलेज अब तक क्यों नहीं खोले हैं क्यों वह दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों को अलग कर राज्य विश्वविद्यालय से जुड़ने का प्रयत्न कर रहे हैं.

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