नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान संपन्न हुआ. चुनाव के लिए छात्र छात्राओं को तीन साल बाद मतदान का मौका मिला. चुनाव के लिए पहली पाली का मतदान सुबह 8:30 बजे से और दूसरी पाली का मतदान दोपहर 3 बजे शुरू हुआ. मतदान के लिए छात्रों में उत्सुकता देखने को मिली. सुबह तो मतदान करने वालों की संख्या कम रही, लेकिन समय बीतने के साथ अधिकांश कॉलेजों के बाहर वोट डालने के लिए छात्र-छात्राओं की कतारें लग गई. कुछ समय बाद ही कालेजों में यह भीड़ कम होने लगी और छात्र-छात्राएं वोट देने नहीं आए. छात्र-छात्राओं का रुझान मतदान केंद्रों की ओर अधिक नहीं बढ़ा.
ऐसा रहा मतदान प्रतिशत: मतदान प्रतिशत भी कम ही रहा. विवेकानंद कॉलेज में कुल 1213 छात्राओं में से मात्र 493 छात्राओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया. वहीं, श्यामलाल कॉलेज में मतदान प्रतिशत 52 प्रतिशत से भी ज्यादा रहा. जबकि विवेकानंद कॉलेज में करीब 37 प्रतिशत वोटिंग हुई. इसी तरह अन्य कॉलेजों के अनुमानित मतदान प्रतिशत की बात करें तो हंसराज, किरोड़ीमल, मिरांडा हाउस, लॉ फैकल्टी, रामजस, हिंदू, दौलत राम कॉलेज में करीब 40 फीसदी वोटिंग हुई है. अरबिंदो कॉलेज में भी 40 फीसदी वोट प्रतिशत का अनुमान शिक्षकों और छात्रों ने बताया है.
इन पर लगा फर्जी वोटिंग का आरोप: मतदान शुरू होने के बाद सभी 52 कॉलेजों के बाहर बड़ी संख्या में विद्यार्थी परिषद, एनएसयूआई, एसएफआई और आइसा सहित सभी छात्र संगठनों के कार्यकर्ता जमा हो गए. ये लोग लगातार अपने-अपने पैनल के प्रत्याशियों के समर्थन में वोट की अपील कर रहे थे. इस दौरान आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहा. लक्ष्मीबाई कॉलेज में जहां एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर फर्जी वोटिंग का आरोप लगाया तो वहीं विवेकानंद महिला कालेज में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर फर्जी वोटिंग का आरोप लगाया. हालांकि, कॉलेज प्रशासन ने इस तरह के आरोपों का खंडन करते हुए मतदान जारी रखा.
कड़ी सुरक्षा में मतदान: कॉलेजों के बाहर सुबह से ही छात्र छात्राओं और छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी. श्यामलाल कॉलेज, कैंपस लॉ सेंटर, हंसराज कॉलेज, किरोड़ीमल, मिरांडा हाउस, दौलतराम, हिंदू कालेज और रामजस के बाहर मतदान के लिए छात्रों की कतारें भी लगीं. सुरक्षा की दृष्टि से चुनाव वाले सभी 52 कॉलेज के बाहर दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों की तैनाती की गई थी. साथ ही महिला जवानों की भी तैनाती की गई, जिससे किसी भी तनाव की स्थिति में निपटा जा सके. हालांकि, सभी जगह मतदान शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गया. इस दौरान कालेजों के बाहर ड्रोन से भी निगरानी रखी गई.