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सड़क हादसों को कम करने के लिए दिल्ली के सभी चौराहे होंगे कैमरे से लैस

दिल्ली में मुख्य रूप से ट्रैफिक पुलिस दो काम करती है. इनमें पहला ट्रैफिक व्यवस्था संभालना, जबकि दूसरा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों का चालान करना है. ट्रैफिक पुलिस के विशेष आयुक्त ने बताया कि सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और शाम को 4:30 से 7:30 बजे तक सड़कों पर बहुत ज्यादा ट्रैफिक होता है.

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Published : Jan 14, 2020, 2:57 PM IST

Delhi traffic police will be equipped with cameras to reduce road accidents
सड़क हादसों को कम करने के लिए दिल्ली के सभी चौराहें होंगे कैमरे से लैस

नई दिल्ली: सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान सियाम की तरफ से 'सड़क हादसों को कम करने में तकनीक का उपयोग' विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें ट्रैफिक पुलिस के विशेष आयुक्त ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस तकनीक का बेहतर इस्तेमाल कर रही है. कैमरे की मदद से राजधानी में चालान किये जा रहे हैं. धीरे-धीरे यह कैमरे दिल्ली के प्रत्येक चौराहे पर लग जाएंगे जिससे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन एवं सड़क हादसे कम होंगे.

सड़क हादसों को कम करने के लिए दिल्ली के सभी चौराहें होंगे कैमरे से लैस
ट्रैफिक पुलिस के विशेष आयुक्त ताज हसन ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान कैमरे से करने शुरु कर दिए हैं. इसके लिए 24 चौराहों पर कैमरे लगाए गए हैं, जबकि 100 जगह पर स्पीड डिटेक्शन कैमरे लगाये गए हैं. इनकी मदद से रोजाना हजारों की संख्या में चालान हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे पूरी दिल्ली को इस तरह के कैमरे से लैस कर दिया जाएगा. इसके बाद ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी चौराहे पर कैमरे की नजर से नहीं बच पाएंगे.

पीक ऑवर में ट्रैफिक चालान नहीं करते
विशेष आयुक्त ताज हसन के अनुसार दिल्ली में मुख्य रूप से ट्रैफिक पुलिस दो काम करती है. इनमें पहला ट्रैफिक चलाना, जबकि दूसरा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों का चालान करना है. उन्होंने बताया कि सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और शाम को 4:30 से 7:30 बजे तक सड़कों पर बहुत ज्यादा ट्रैफिक होता है. ऐसे में इस समय ट्रैफिक चलाने पर ही उनका जोर रहता है. वरिष्ठ अधिकारियों की तरफ से निर्देश है कि इस समय पुलिसकर्मी चालान करने की जगह पूरा ध्यान ट्रैफिक चलाने पर दें.

चालान की संख्या हुई कम
ताज हसन ने बताया कि नए मोटर व्हीकल एक्ट के बाद से ट्रैफिक पुलिस को चालान राशि जमा करने की पॉवर दिल्ली सरकार की तरफ से नहीं दी गई है. इसके चलते ट्रैफिक पुलिस नये एक्ट के आने के बाद से केवल छह हजार चालान ही रोजाना कर पा रही है. पहले रोजाना 20 हजार चालान किये जा रहे थे. इसकी वजह से जहां पहले 95 फ़ीसदी लोग मौके पर ही चालान राशि जमा कर मामले का निपटारा कर लेते थे तो अब उन्हें भी अदालत के चक्कर काटने होते हैं. ट्रैफिक पुलिस को भी उनके अदालत पहुंचने की सुनिश्चितता के लिए दस्तावेज जब्त करने होते हैं जिससे प्रक्रिया लंबी हो गई है.

सियाम के साथ चला रहे जागरुकता अभियान
विशेष आयुक्त ताज हसन ने बताया कि सड़क हादसों को कम करने के लिए सियाम सहित विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर वह जागरूकता अभियान चला रहे हैं. सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जिससे लोगों को जागरूक किया जा सके. उन्होंने बताया कि स्कूलों में भी बच्चों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जा रही है ताकि भविष्य में जब वह सड़क पर गाड़ी चलाएं तो ट्रैफिक नियमों का पालन करें.

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