नई दिल्ली:राजधानी में सोमवार को यमुना किनारे सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाई गई. इसमें दिल्ली और एनसीआर के तमाम राजनीतिक, सामजिक और धार्मिक लोगों के साथ बच्चों, महिलाओं एवं दिल्ली के तमाम व्यापारियों ने भी हिस्सा लिया. लोक संसद द्वारा आयोजित इस यमुना संसद अभियान में सभी को यमुना संरक्षण के विषय में जागरूक किया गया. कार्यक्रम के अंत में सभी को यमुना संरक्षण की शपथ भी दिलाई गई.
कार्यक्रम में आए व्यापारियों ने ईटीवी भारत के साथ अपनी प्रतिक्रियाओं को साझा किया. इस मौके पर फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के चेयरमैन परमजीत सिंह पम्मा ने कहा कि अब दिल्ली की जनता जाग चुकी है. दिल्लीवालों को समझ आ गया है कि जब तक यमुना नदी साफ नहीं होगी, तब तक दिल्ली को साफ नहीं माना जा सकता है. उन्होंने कहा कि यमुना मां की सफाई को लेकर जो राजनीतिक खेल खेला जाता रहा है, जो अब नहीं चलेगा. इसपर हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं लेकिन यमुना आज भी गंदी है. अगर यमुना नदी साफ होगी तो दिल्ली अपने आप गंदगी मुक्त हो जाएगी.
वहीं एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राकेश यादव ने कहा कि अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इस बार हम उसी पार्टी को विजयी बनाएंगे जो यमुना को साफ कराएगी. आज यमुना के तट पर सैकड़ों लोगों ने इस बात की शपथ ली है कि नदी को गंदा नहीं होने देंगे. 4 जून से शुरू हुए इस अभियान को तब तक चलाया जाएगा, जब तक यमुना नदी पूरी तरह साफ नहीं हो जाती. उनके अलावा भारतीय उद्योग व्यापार मंडल महामंत्री और केमिकल मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट प्रदीप गुप्ता ने कहा कि देशवासी यमुना किनारे राज्य और केंद्र सरकार से बस ये अपील कर रहे हैं कि यमुना नदी दिल्ली की जान है. इसे विलुप्त होने से बचा लीजिए.
उधर दिल्ली प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष चंद्रभूषण गुप्ता ने कहा कि, पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली सरकार ने 8 हजार करोड़ रुपये यमुना नदी की सफाई पर खर्च करने का दावा किया है. लेकिन जमीनी स्तर पर यमुना नदी आज भी उतनी ही दूषित है जितनी पहले हुआ करती थी. इस अभियान में यमुना तट पर 5 वर्ष से लेकर 60 वर्ष तक के लोग इकठा हुए सभी लोगों की दिल्ली सरकार से मांग है कि यमुना नदी को जल्द से जल्द साफ किया जाए. साथ ही यह भी मांग की है कि यमुना तट को पर्यटकों के लिए विकसित किया जाए. इसके अलावा नदी में नाव या छोटे जहाज चल कर सिटी के अंदर ट्रेडिंग को बढ़ावा दिया जाए.