नई दिल्ली:दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने एलान किया है कि 19 फरवरी को जंतर-मंतर पर केंद्र और दिल्ली सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करेंगे. ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का कहना है कि काफी लंबे समय से दिल्ली के टैक्सी, बस चालक आर्थिक मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं, जिसको लेकर केंद्र या दिल्ली सरकार कोई मदद नहीं कर रही है, बल्कि लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. ट्रैफिक नियमों का हवाला देकर लाखों रुपये के चालान काटे जा रहे हैं. वहीं लोक अदालत के नाम पर सुबह से लेकर शाम तक लाइनों में खड़े चालक परेशान हो रहे हैं.
पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे
एसोसिएशन का कहना है कि इतना ही नहीं, बल्कि रोजाना पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में चालकों पर दोहरी मार पड़ रही है. उसके साथ ही अलग-अलग तरीके के नियम, जिसमें दिल्ली में 40 किलोमीटर की लिमिट और हाईवे पर 80 किलोमीटर की लिमिट चालकों को जंजीरों में बांध रही है, लेकिन प्राइवेट वाहनों पर किसी तरीके की कोई बंदिश नहीं है, जबकि 95 फ़ीसदी दुर्घटना प्राइवेट वाहनों से होती है.
चालकों से वसूला जा रहा लाखों का जुर्माना
इसके साथ ही एसोसिएशन ने अन्य समस्याएं बताते हुए कहा कि पैनिक बटन के नाम पर चालकों से 9 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं. वहीं स्पीड गवर्नर की हर साल जांच के नाम पर 2500 रुपये देने पड़ रहे हैं. दूसरी तरफ दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग टैक्सी और बसों की फिटनेस नहीं कर रहा है, जबकि ओला-उबर जैसी कंपनियों को सरकार पूरा समर्थन दे रही है. साथ ही दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की तरफ से ही लगातार टैक्सी और बस मालिकों को परेशान किया जा रहा है. आड़े-टेढ़े नियमों का हवाला देकर गाड़ियों को बंद कर उनका रोजगार छीना जा रहा है.