नई दिल्ली:हर 4 साल में एक बार होने वाले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों की घोषणा किसी भी वक्त हो सकती है. साल 2021 के चुनावों के लिए राजनीतिक दल तैयारियां तो बहुत पहले से कर रहे हैं, लेकिन समय नजदीक आने के साथ ही इन तैयारियों में तेज़ी भी दिख रही है. पूर्व गुरुद्वारा कमेटी अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके की जागो पार्टी ने कमेटी चुनावों में उतरने वाले अपने 15 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसके बाद चुनावों को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है.
क्यों होते हैं DSGMC के चुनाव?
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी दरअसल एक स्वायत्त संगठन है, जो दिल्ली के गुरुद्वारों का प्रबंधन करने के साथ-साथ कुछ शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, पुस्तकालयों और अन्य धर्मार्थ संस्थानों का प्रबंधन करती है. इसी कमेटी में कुल 55 में से 46 सदस्य दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में सिख वोटरों के हिसाब से बने वार्डों से चुनकर आते हैं, जबकि 9 नॉमिनेटेड सदस्य होते हैं. यही लोग दिल्ली में कमेटी के अधीन आने वाले तमाम संस्थानों के विषय में फैसले लेते हैं, जिसके लिए हर 4 साल में एक बार चुनाव होता है.
कौन करता है चयन?
एक धार्मिक संस्था होने के नाते दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों में सिख वोटरों को ही चुनाव लड़ने और वोट करने की आजादी होती है. साल 2017 के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में गुरुद्वारा कमेटी चुनावों में हिस्सा लेने वाले कुल 3,83,561 वोटर हैं. पूरे चुनाव में अन्य प्रक्रिया लगभग वैसी ही होती है जैसे कि किसी भी अन्य चुनाव में हैं.
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