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Delhi Services Bill के संसद से पास होने पर किस तरह बदलेगा केजरीवाल सरकार का कामकाज, जानें विशेषज्ञ की राय

दिल्ली सर्विस बिल के राज्यसभा में पास हो जाने के बाद केजरीवाल सरकार के कामकाज में कई तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं. इस बारे में दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव ओमेश सहगल का कहना है कि इस बिल से अधिकारियों पर से मंत्रियों का नियंत्रण खत्म हो जाएगा.

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Published : Aug 7, 2023, 2:33 PM IST

Updated : Aug 7, 2023, 2:56 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभागों में कार्यरत सैकड़ों अधिकारियों और कर्मचारियों की नजरें पिछले कुछ महीनों से संसद पर टिकी हुई हैं. दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर केंद्र और राज्य की केजरीवाल सरकार के बीच टकराव जारी है. उच्च सदन से भी सर्विस बिल पास होने के बाद दिल्ली सरकार और प्रशासनिक अमले पर क्या फर्क पड़ेगा, यह अहम सवाल सबके मन में है.

दिल्ली सर्विस बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पेश किया जा चुका है. सोमवार दोपहर तक धुआंधार बहस जारी है. संख्या बल को देखते हुए इसके पारित होने की प्रबल संभावना है. राज्यसभा से पास होते ही यह दिल्ली सरकार को चलाने का नया कानून बन जाएगा. इसके लागू होने के बाद राज्य सरकार के कामकाज पर क्या फर्क पड़ेगा, यह महत्वपूर्ण है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव रहे ओमेश सहगल से विस्तार से बात की. उन्होंने कहा कि बिल पास हो जाने से सबसे बड़ा बदलाव यह होगा कि मंत्रियों के हाथ से अधिकारियों का नियंत्रण खत्म हो जाएगा.

दिल्ली सर्विस बिल पास होने के बाद क्या होगा बदलाव

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ओमेश सहगल बताते हैं कि दिल्ली में सर्विसेज के नियंत्रण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला दिया था. यह फैसला दिल्ली सरकार के पक्ष में था. लेकिन इसको पलटने के लिए केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई और अब संसद से पास होने के बाद यह दिल्ली में सरकार चलाने का कानून बन जाएगा. अब अधिकारियों का तबादला एक कमेटी करेगी, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान गृह सचिव होंगे और फैसला बहुमत से होगा. लेकिन अंतिम निर्णय उपराज्यपाल का होगा.

अभी तक मंत्रियों के आदेश पर अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ जो कार्रवाई होती थी, अब या तो मुख्यमंत्री या फिर उपराज्यपाल के आदेश पर होगी. जनहित व विकास से जुड़े मुद्दे, योजनाओं को लेकर मंत्रिमंडल फैसला लेता है तो संबंधित विभाग के अधिकारी उसके हर पहलू को देखते हुए अपनी रिपोर्ट उपराज्यपाल को भेज सकते हैं. अंतिम फैसला उनका ही मान्य होगा. कुल मिलाकर दिल्ली के इस नए कानून के जरिए उपराज्यपाल को अधिक शक्तियां दी गई हैं.

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Last Updated : Aug 7, 2023, 2:56 PM IST

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